ड्रग्स मामले में पंजाब सरकार को हाई कोर्ट की कड़ी फटकार, पूछा- जब रोक ही नहीं तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ड्रग रैकेट केस में पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कहा कि इस मामले में केवल बाते हो रही हैं। पंजाब सरकार को मामले में कार्रवाई से किसने रोका है। इस पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 10:52 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 10:52 AM (IST)
ड्रग्स मामले में पंजाब सरकार को हाई कोर्ट की कड़ी फटकार, पूछा- जब रोक ही नहीं तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। ड्रग्स रैकेट मामले में हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि सरकार को इस मामले में कार्रवाई करने से किसने रोका है? इस मामले में केवल बातें हो रही हैं, कार्रवाई क्यों नहीं हुई? अब इस मामले की अगली सुनवाई नौ दिसंबर को होगी।

गत दिवस पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुए सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे और पंजाब के एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया ने हाई कोर्ट को बताया कि हमने सरकार को कहा है कि मामले में सरकार के कार्रवाई करने पर कोई रोक नहीं है, सरकार कार्रवाई कर सकती है। जिस पर जस्टिस एजी मसीह एवं जस्टिस संदीप मौदगिल की खंडपीठ ने कहा कि हमें हैरानी है कि जब कार्रवाई किए जाने पर कोई रोक नहीं है तो सरकार अब तक कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।

इसी मामले में खुद को पक्ष बनाए जाने की अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की मांग का सरकार ने फिर विरोध करते हुए कहा कि सरकार ने कहा कि इस स्टेज पर मजीठिया को पक्ष बनाया जाना सही नहीं है। जिस पर हाई कोर्ट ने मजीठिया के वकील को कहा कि आपको क्यों लगता है कि आपके खिलाफ कुछ है। यह जनहित का मामला है इसलिए कोर्ट का फैसला निजी व्यक्ति नहीं बल्कि पब्लिक इंटरेस्ट में होगा।

कोर्ट ने कहा कि हमने सभी आदेशों को पढ़ा हुआ है और सभी आदेश को लेकर प्वाइंट्स भी बनाए हुए हैं। इसके साथ ही सीलबंद रिपोर्ट को लेकर कहा कि हाई कोर्ट नौ दिसंबर को अगली सुनवाई पर तय करेगा कि सीलबंद रिपोर्ट को खोला जाए या नहीं। इसके लिए पहले कोर्ट मित्र और उसके बाद बाकी वकीलों को सुना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हर दिन सुनवाई की जा सकती है।

वहीं सुनवाई के बाद ड्रग्स मामले के शिकायतकर्ता एडवोकेट नवकिरण सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रिपोट्र्स पर कार्रवाई न होने के पीछे एक कारण यह भी है कि हाई कोर्ट में लंबे समय से इस केस की सुनवाई नहीं हुई, लेकिन कार्रवाई पर कोई रोक नहीं थी। इसके बावजूद सरकार को लगा कि केस हाई कोर्ट में पेंडिंग है और इसलिए सरकार कुछ नहीं कर सकती। परंतु अब यह साफ हो गया है कि सरकार अपनी रिपोट्र्स पर तो कार्रवाई कर सकती है।

विदेश में बैठे तस्करों की केंद्र की दी जानकारी हाई कोर्ट ने रिकार्ड में ली

विदेश मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी संदीप कुमार ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है कि कनाडियन अथारिटी से रंजीत सिंह औजला, गुरसेवक सिंह ढिल्लों, निरंकार सिंह ढिल्लों, सरबजीत सिंह, लैैंबर सिंह, अमरजीत सिंह कूनर, प्रदीप सिंह धालीवाल, अमरिंदर सिंह छीना, परमिंदर सिंह देओ और रंजीत कौर काहलों के बारे में जानकारी दी जा चुकी है। इन सभी के प्रत्यर्पण की मांग भी की गई थी, लेकिन कनाडा सरकार ने भारत सरकार के आग्रह पर कुछ आपत्तियां जताई थीं। आपत्तियां दूर कर भारत सरकार ने दोबारा कनाडा सरकार को अपनी मांग भेज दी है। अभी कनाडा सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। केंद्र सरकार की ओर से दी गई इस जानकारी को सोमवार को हाई कोर्ट ने अपने रिकार्ड में ले लिया है।

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