पंजाब में प्री-प्राईमरी शिक्षकों की 8393 पदों की भर्ती प्रक्रिया पर हाई कोर्ट की रोक, 28 को होना था Exam

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब में प्री प्राईमरी शिक्षकों की 28 नवंबर को होने वाली परीक्षा पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने मामले में राज्य के शिक्षा सचिव को हलफनामा देने को कहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 08:32 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 08:04 AM (IST)
पंजाब में प्री-प्राईमरी शिक्षकों की 8393 पदों की भर्ती प्रक्रिया पर हाई कोर्ट की रोक, 28 को होना था Exam
पंजाब में प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती पर हाई कोर्ट की रोक। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में प्री-प्राईमरी शिक्षकों के 8393 पदों के लिए 28 नवंबर को होने जा रही लिखित परीक्षा पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए पंजाब के शिक्षा सचिव को इस मामले में 29 नवंबर को हलफनामा दायर कर स्पष्ट जवाब दिए जाने के आदेश दिए हैं। जस्टिस जीएस संधावालिया एवं जस्टिस विकास सूरी की खंडपीठ ने यह आदेश इस नियुक्ति प्रक्रिया के खिलाफ दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए हैं।

बता दें कि इस नियुक्ति प्रक्रिया में तय की गई शर्तों के खिलाफ कई आवदेकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती दी थी। 21 सितंबर को हाई कोर्ट ने याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। साथ ही सरकार से पूछा था कि वह बताए की क्यों न इन पदों की इस नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी जाए। इस पर सरकार द्वारा दिए जवाब पर हाई कोर्ट ने कहा जवाब स्पष्ट नहीं है और दोनों नोटिफिकेशन पर सरकार कोई जवाब नहीं दे पाई है। लिहाजा, हाई कोर्ट ने अब 28 नवंबर की परीक्षा पर रोक लगाते हुए शिक्षा सचिव को इस पर जवाब दिए जाने के आदेश दिए हैं।

दायर याचिका में हाई कोर्ट को बताया गया है कि पंजाब सरकार ने 23 नवंबर 2020 को प्री-प्राईमरी शिक्षकों के 8393 पदों पर सीधे भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने भी आनलाइन आवेदन कर दिया था और उन्हें रजिस्ट्रेशन नंबर भी मिल गया था, लेकिन इसी दौरान बड़ी संख्या में एजुकेशन प्रोवाइडर, एजुकेशन वालंटियर, एजुकेशन गारंटी स्कीम वालंटियर, अल्टरनेटिव और इनोवेटिव एजुकेशन वालंटियर, स्पेशल ट्रेनिंग रिसोर्स वालंटियर, इंक्लूसिव एजुकेशनल वालंटियर जो पहले ही सर्व शिक्षा अभियान के तहत बैक डोर से नियुक्त हुए थे, उन्होंने राज्यभर में प्रदर्शन शुरू कर दिए। इनके दबाव में सरकार ने इस विज्ञापन को वापस ले लिया।

याचिकाकर्ताओं ने बताया कि इसके बाद सरकार ने 14 सितंबर को सरकार ने फिर इन्हीं पदों के लिए विज्ञापन जारी कर दिया और नई शर्तें लगा यह तय कर दिया कि इन पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदक को एजुकेशन प्रोवाइडर, एजुकेशन वालंटियर, एजुकेशन गारंटी स्कीम वालंटियर, अल्टरनेटिव और इनोवेटिव एजुकेशन वालंटियर, स्पेशल ट्रेनिंग रिसोर्स वालंटियर, इंक्लूसिव एजुकेशनल वालंटियर कम से कम तीन वर्षों का अनुभव होना अनिवार्य है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि सरकार ने अब यह शर्तें पहले से कार्यरत शिक्षकों को एडजस्ट करने के लिए ही की है। इस तरह तो कोई भी आवेदक जिन्हें इसका अनुभव नहीं है, उनकी नियुक्ति ही नहीं होगी और यह पूरी तरह से गलत है। लिहाजा इसे रद किया जाए। 

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