नवजोत सिद्धू का इस्‍तीफा मामला दिल्‍ली बैठक में सुलझने के संकेत, चन्‍नी के साथ मुद्दों पर पेंच, आज आएगा हाईकमान का फैसला

Sidhu Vs Channi पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की दिल्‍ली में पार्टी नेताओं से बैठक में इस्‍तीफा प्रकरण सुलझने के संकेत हैं। बताया जाता है कि सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी व सिद्धू के मुद्दों में पेंच फंस गया है। हाईकमान का फैसला आज आ सकता है। ।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 04:37 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 09:51 AM (IST)
नवजोत सिद्धू का इस्‍तीफा मामला दिल्‍ली बैठक में सुलझने के संकेत, चन्‍नी के साथ मुद्दों पर पेंच,  आज आएगा हाईकमान का फैसला
पंजाब के मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी और पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजांत सिंह सिद्धू की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, जेएनएन। Navjot Singh Sidhu Vs Charanjit Singh Channi: पंजाब कांग्रेस क‍े प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की दिल्ली में कांग्रेस कार्यालय में पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत और महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ कल बैठक हुई। बताया जाता है कि इस बैठक में सिद्धू ने अपनी बात रखी तो नेताओं ने भी उनके कई ट्वीट व वीडियो पर जवाब तलब किया। इस बैठक में सिद्धू के इस्‍तीफे के बारे में भी बात हुई। बताया जाता है कि पूरे प्रकरण में बातचीत के आधार पर कांग्रेस हाईकमान अब आज फैसला लेगी और सिद्धू ने उसे स्‍वीकार करने पर सहमति दी है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सिद्धू का इस्‍तीफा प्रकरण सुलझ गया है, लेकिन सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी के साथ उनके मुद्दों पर अभी पेंच फंसा हुआ है।

बड़ा सवाल सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी व नवजोत सिंह सिद्धू के विवाद में किसकी होगी जीत

बैठक में पार्टी के राज्‍य संगठन और सरकार से तालमेल पर भी चर्चा हुई। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल उठता है कि सिद्धू  और मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी के बीच टकराव का क्‍या हल निकलेगा व किसकी जीत होगी, क्‍योंकि सिद्धू ने अपने ट्वीट से किसी तरह का समझौता करने को साफ नकार दिया था।

पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने के बावजूद कांग्रेस का अंतर्कलह खत्‍म होने के बजाए  इसमें नए एपिसोड जुड़ते जा र‍हे हैं और सियासी ड्रामा के मुख्‍य किरदार हैं पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू। एक मामला शांत होता नहीं है कि सिद्धू अपने ट्वीट से नया मामला खड़ी कर देते हैं। यही कारण है कि पंजाब कांग्रेस की जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अब सिद्धू दो दिनों से दिल्‍ली में हैं और उनको लेकर कांग्रेस हाई कमान का इस मामले में फैसला आज देर रात तक या कल सुबह तक सामने आ सकता है। सवाल यह है कि आखिर सिद्धू और सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी में किसकी जीत होती है। सिद्धू पिछले दिनों सीएम चन्‍नी के बारे में जिस तरह के 'अपशब्‍द' का इस्‍तेमाल करते नजर आए थे, उससे चन्‍नी व सिद्धू की सुलह की ज्‍यादा संभावना नजर नहीं आ रही है।

बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के प्रदेश प्रधान पद से इस्तीफा दे चुके है। पिछले 18 दिनों से उनका इस्‍तीफे का मामला लटका हुआ है। कांग्रेस ने न तो अभी तक सिद्धू का इस्तीफा नामंजूर किया है और न ही सिद्धू ने इसे वापस लिया है। वैसे लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर चंडीगढ़  में राजभवन के बाहर धरना और फिर यूपी कूच के दौरान वह पंजाब कांग्रेस की भूमिका निभाते जरूर नजर आए थे।

सिद्धू इस्तीफा वापस लेंगे व पार्टी की नीतियों पर चलेंगे या नहीं इसे लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रधान हरीश रावत और पार्टी के महासचिव केसी वेणु गोपाल ने सिद्धू को दिल्ली में तलब किया। इस बैठक में तय होगा कि कांग्रेस सिद्धू को लेकर क्या फैसला लेगी। सिद्धू की हरीश रावत और केसी वेणु गोपाल के साथ होने वाली इस बैठक को लेकर कांग्रेस की नजरें टिकी हुई है। क्योंकि जिस प्रकार से नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को सोशल मीडिया पर वीडियो डाल कर यह कहा कि वह समझौता नहीं कर सकते है। उससे साफ संकेत मिल रहे है कि भले ही हाईकमान ने मामले को सुलझाने के लिए सिद्धू को बुलाया हो लेकिन सिद्धू अपने स्टैंड से पीछे हटने वाले नहीं है।

यह पहला मौका नहीं है जब सिद्धू ने इस तरह का स्टैंड लिया हो। इससे पहले सिद्धू ने भारतीय जनता पार्टी को भी इसी लिए छोड़ा था क्योंकि वह उन्हें दूसरे राज्य से चुनाव लड़वाना चाहते थे। वहीं, 2014 में सिद्धू अपने राजनीतिक गुरु स्वर्गीय अरुण जेटली के चुनाव प्रचार में भी हिस्सा लेने के लिए पंजाब नहीं आए थे। जबकि अरुण जेटली ही थी जो सिद्धू राजनीति में लेकर आए थे।

सिद्धू के समझौता न करने के स्टैंड के बाद यह तय माना जा रहा है कि अब पार्टी हाईकमान ही इस प्रकरण में आज फैसला कर लेगी। देखना दिलचस्‍प होगा कि पार्टी हाई कमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर एडवोकेट जनरल एपीएस देओल व कार्यकारी डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को हटाने के लिए कहती या नए प्रधान की तलाश शुरू करती है। माना जा रहा था कि बैठक में रावत सिद्धू को अनुशासन की घुट्टी पिला सकते है। जो भी हो सिद्धू ने जिस प्रकार से अपने पद से इस्तीफा दिया उससे कांग्रेस की खासी किरकिरी हुई थी। इसे सिद्धू का सीधे सीधे सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप माना जा रहा है। अब देखना होगा कि कांग्रेस सिद्धू को लेकर क्या फैसला करती है।

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