Chandigarh Heritage Furniture: चंडीगढ़ के हेरिटेज फर्नीचर फिर नीलाम, पेरिस में 12 लाख में बिका पेयरे जेनरे का डिजाइन टेबल
चंडीगढ़ का हेरिटेज फर्नीचर एक बार फिर विदेशों में नीलाम हो गया। इस बार पेयरे जेनरे द्वारा निर्मित फर्नीचर की नीलामी फ्रांस के पेरिस में हुए। चार आइटमों की नीलामी की गई जिसमें एक टेबल 12 लाख में बिकी।
जेएनएन, चंडीगढ़। कोरोना महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है। लाकडाउन, कर्फ्यू और दूसरी तरह की पाबंदियां लागू हैं। बावजूद इसके चंडीगढ़ का हेरिटेज फर्नीचर विदेशी नीलाम घरों में नीलाम हो रहा है। वह भी बिना किसी रोक-टोक के ऐसा हो रहा है। इस बार तो यह फर्नीचर फ्रांस के पेरिस शहर में नीलाम हुआ।
चंडीगढ़ के क्रिएटर आर्किटेक्ट ली कार्बूजिए के कजिन पियरे जेनरे का डिजाइन यह फर्नीचर पहले भी बिकता रहा है। इस बार जेनरे की डिजाइन चार फर्नीचर आइटम 38.13 लाख रुपये में नीलाम हुई। यह तब है जब इसकी शिकायत पहले से ही विदेश मंत्री एस जयशंकर को 25 मई को की गई थी। हेरिटेज फर्नीचर की ऑक्शन के खिलाफ आवाज उठाने वाले एडवोकेट अजय जग्गा ने यह लिखित शिकायत भेजकर उन्हें ऑक्शन की सूचना दी थी। बावजूद इसके इसे रोका नहीं जा सका। सबसे बड़ी बात तो यह है कि पियरे जेनरे और ली कार्बूजिए फ्रांस के नागरिक रहे हैं, इसलिए उन्हीं के देश में यह ऑक्शन हुई है।
12 लाख में बिकी टेबल
चार आइटम में जेनरे की डिजाइन ऑफिस टेबल सबसे महंगी 12 लाख रुपये में नीलाम हुई। इसे जेनरे ने चंडीगढ़ के किसी संस्थान के लिए डिजाइन किया था। दूसरे नंबर पर पब्लिक बेंच भी करीब 12 लाख रुपये में नीलाम हुआ। वहीं कमेटी आर्मचेयर करीब सात लाख रुपये में बिकी। इसी तरह से एक अन्य आइटम लगभग सवा छह लाख रुपये में नीलाम हुआ। कमाल की बात तो यह है कि नीलाम घर इनकी ग्लोबल ऑक्शन कर प्रचार करते हैं। फिर इन्हें जो भी रिजर्व प्राइज से सबसे अधिक कीमत लगाता है उसे यह बेच दी जाती हैं।
2011 से है बैन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन फर्नीचर की आइटम बेचने पर पर 2011 से रोक लगा रखी है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने भी इन्हें आर्ट बताया है। साथ ही इसे सहेजने के लिए एक्सक्लूजिव म्यूजियम बनाने की हिदायत यूटी प्रशासन को दे रखी है। बैन के बावजूद यह आइटम विदेशी नीलाम घरों तक पहुंच रही हैं।
तस्कर सक्रिय
यह फर्नीचर आइटम तस्करों की निगाह में रहती हैं। वह लोकल महिलाओं को इन्हें बिल्डिंग से चोरी करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। कई बार चोरी करती महिलाओं को पकड़ा भी जा चुका है। मुंबई बेस्ड मुख्य तस्कर तक जांच एजेंसी आजतक नहीं पहुंच पाई। जिस वजह से यह लगातार चोरी होता रहा है।