Heart Attack Risk: युवाओं में बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, पीजीआइ चंडीगढ़ डॉ. सोनू गोयल ने बताई मुख्य वजह

Heart Attack Risk युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता जा रहा है। पीजीआइ चंडीगढ़ के डॉ. सोनू गोयल ने बताया कि चंडीगढ़ पंजाब सहित पूरे देश में 40 से 50 वर्ष के आयु वर्ग में कई लोग अनियंत्रित रक्तचाप का शिकार हो रहे हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 01:57 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 01:57 PM (IST)
Heart Attack Risk: युवाओं में बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, पीजीआइ चंडीगढ़ डॉ. सोनू गोयल ने बताई मुख्य वजह
पीजीआइ चंडीगढ़ के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. सोनू गोयल।

विशाल पाठक, चंडीगढ़। Heart Attack Risk: युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसका मुख्य कारण ट्रांसफैट है। यह कहना है पीजीआइ चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. सोनू गोयल का। डॉ. सोनू गोयल ने बताया कि चंडीगढ़, पंजाब सहित पूरे देश में 40 से 50 वर्ष के आयु वर्ग में कई लोग अनियंत्रित रक्तचाप का शिकार हो रहे हैं। हाइड्रोजनीकृत वनस्पति घी जैसे कि डालडा का सेवन पंजाब जैसे राज्यों में बड़ी मात्रा में किया जाता है। जहां 35.7 प्रतिशत से अधिक आबादी उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। जो कि राष्ट्रीय औसत 25.3 प्रतिशत से बहुत अधिक है।

उन्होंने बताया कि ट्रांसफैट एक अस्वास्थ्यकर वसा का अध्ययन करने के लिए विभिन्न शोध किए गए हैं और यह निष्कर्ष निकाला गया है कि ट्रांसफैट औद्योगिक वसा का एक घटक है और हृदय रोग (सीवीडी) से होने वाली मृत्यु दर से जुड़े प्रमुख आहार कारकों में से एक है। जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम 21 प्रतिशत और मृत्यु का खतरा 28 प्रतिशत बढ़ रहा है।

पीजीआइ की केस स्टडी

40 वर्षीय पुलिसकर्मी अमृतपाल सिंह पिछले 20 वर्षों से सरकारी सेवा में है और उन्होंने खुद की परवाह न करते हुए सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम किया है। विशेष रूप से महामारी के दौरान। एक पंजाबी परिवार से होने के कारण आयली और तला हुआ भोजन उनके नियमित आहार का प्रमुख हिस्सा था। नौकरी के तनाव ने उन्हें कम उम्र में ही उच्च रक्तचाप का शिकार बना दिया। जिससे सेहत पर और बुरा असर पड़ा। लेकिन हालात तब और बिगड़ गये जब तनाव कम करने के लिए, पिछले एक साल में उन्होंने कोविड ड्यूटी करने के बाद धूम्रपान और शराब का सेवन शुरू कर दिया। एक रात उन्हें सीने के बीचों-बीच तेज दर्द उठा और सांसें तेज-तेज चलने लगीं। शरीर तपने लगा, सिर घूमने लगा और दर्द बाएं हाथ तक फैल गया। यह दिल का एक बड़ा दौरा था। इसकी वजह से उन्हें फटाफट अस्पताल ले जाना पड़ा।

दिल की बीमारियों का मुख्य कारण है ट्रांसफैट

ट्रांसफैट दुनिया भर में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के लिए प्रमुख जोखिम कारकों में से एक साबित हुआ है। कार्डियोवैस्कुलर जोखिम के आंकलन और प्रबंधन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी दिशा निर्देश बताते हैं कि एंटीहाइपरटेन्सिव और शुगर थेरेपी लेने वाले, मोटे और बैठे रहने वाले लोगों में बीमारी विकसित होने का जोखिम अधिक होता है। समय से पहले सीएचडी (क्रोनिक हार्ट डिजीज) या स्ट्रोक की  फैमिली हिस्ट्री वाले तथा ट्राइग्लिसराइड के बढ़े स्तर वाले लोगों के साथ भी ऐसा ही होता है। संशोधित जोखिम कारकों में अस्वास्थ्यकर आहार शामिल हैं, जैसे कि नमक का अधिक सेवन, सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट वाला भोजन, फलों और सब्जियों का कम सेवन।

हृदय रोग से पांच में से चार की हार्ट अटैक से हो रही मौत

गैर संचारी रोग (एनसीडी) वैश्विक स्तर पर बीमारी के बोझ और मौतों का प्रमुख कारण हैं। हाल के वर्षों में हृदय रोगों का बढ़ता बोझ, उच्च आय वाले देशों की तुलना में कम आय एवं मध्यम आय वाले देशों में महत्वपूर्ण खतरों में से एक रहा है। हर साल यह 1.77 करोड़ मौतों का कारण बनता है, जो कि सभी वैश्विक मौतों का 31 प्रतिशत है। हृदय रोगों (सीवीडी) से होने वाली पांच मौतों में से चार मौतें दिल के दौरे और स्ट्रोक के कारण होती हैं और इनमें से 75 प्रतिशत से अधिक मौतें निम्न व मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। वृद्ध लोगों की एक आम समस्या माना जाने वाला हृदय रोग अब 50 वर्ष से कम उम्र वाले लोगों में लगातार बढ़ रहा है।

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"जो युवा हैं और ऐसा सोचते हैं कि दिल का दौरा केवल बुढ़ापे में होता है, उन्हें जल्द से जल्द जागरूक होने की जरूरत है। उन्हें स्वस्थ जीवन शैली अपनानी चाहिए। हर व्यक्ति को कम से कम एक घंटा खुद को देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शरीर से मिल रहे संकेतों को अनदेखा न करें।

                                            -डॉ. सोनू गोयल, प्रोफेसर, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग, पीजीआइ चंडीगढ़।

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