मोहाली वाटर वर्क्स को अपग्रेड करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने रखा नींव पत्थर, बोले- पानी की कमी दूर करने को प्रयास जारी
मोहाली में पानी की कमी को पूरा करने के लिए एक पूरा फेज कजौली या किसी अन्य जगह पर बने इसको लेकर विचार किया जा रहा है। क्योंकि शहर विकसित हो रहा है। इसलिए पानी की मांग भी बढ़ रही है।
मोहाली, जेएनएन। मोहाली में पानी की कमी को पूरा करने के लिए एक पूरा फेज कजौली या किसी अन्य जगह पर बने इसको लेकर विचार किया जा रहा है। क्योंकि शहर विकसित हो रहा है। इसलिए पानी की मांग भी बढ़ रही है। सूबे के सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को सेक्टर-67 के वाटर वर्क्स को अपग्रेड करने के लिए नींव पत्थर रखा।
इस दौरान सिद्धू ने कहा कि जहां से 10 लाख गेलन पानी मिलेगा। जोकि आठ ट्यूबवेलों के लिए है। कजौली से मिलने वाले पानी के अलावा 100 ट्यूबवेलों का इस्तेमाल भी वाटर सप्लाई के लिए किया जा रहा है। जिनमें से 52 गमाडा और 38 पब्लिक हेल्थ के पास है। जबकि बाकी के खराब हैं। ध्यान रहे कि मौजूदा समय में मोहाली को 14 एमजीडी के करीब पानी मिल रहा है। जबकि जरूरत 25 एमजीडी के करीब है। गर्मी के दिनों में लोगों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पानी की कमी को दूर करने के प्रयास जारी हैं।
वहीं सेहत मंत्री ने कहा कि मोहाली के लिए नए सिविल अस्पताल का निर्माण कार्य अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगा। गमाडा की ओर से सेक्टर 66 में 10 एकड़ जमीन का पोजेशन लेटर दे दिया जाएगा। जिसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हो जागी। मोहाली का सिविल अस्पताल फेज -6 में स्थित है जिसे कोविड के चलते औद्योगिक क्षेत्र फेज 8 बी स्थित इएसआइ अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। मोहाली के मेडिकल कॉलेज में कक्षाएं भी इसी साल शुरू हो जाएगी। सवाल के जबाब में सेहत मंत्री ने कहा कि गमाडा से निगम ने 1 अप्रैल को पानी की सुविधा को टेकओवर किया था। उसे पहले पानी की वसूली गमाडा करता था। अगर अदालत ने आदेश दिया है कि लोगों को पानी के वसूले बिल वापस किए जाए तो ये गमाडा की जिम्मेदारी होगी। इस दौरान मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू ने कहा कि शहर के विकास में किसी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है। कार्यक्रम के दौरा निगम व जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।