एक साल की GYM फीस देने के बाद बंद हो गया जिम, पीयू चंडीगढ़ लॉ स्टूडेंट की शिकायत पर वापस करने होगी राशि

जानकारी अनुसार पंजाब यूनिवर्सिटी के पांच वर्षीय लाॅ विभाग के छात्र उज्जवल सूद ने मोहाली के फेज-8 स्थित द कोड फिटनेस सेंटर में 29 अगस्त 2019 से 27 अगस्त 2020 तक की मेंबरशिप ली थी। इसके लिए उसने 15 हजार रुपये की फीस भी दी।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 01:55 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 01:55 PM (IST)
एक साल की GYM फीस देने के बाद बंद हो गया जिम, पीयू चंडीगढ़ लॉ स्टूडेंट की शिकायत पर वापस करने होगी राशि
पीयू लॉ स्टूडेंट ने जिला फोरम में जिम संचालक के खिलाफ शिकायत दी थी।

डाॅ. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ (Punjab University Chandigarh) स्थित यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (यूआइएएलएस) के एक स्टूडेंट की शिकायत पर मोहाली के एक जिम मैनेजमेंट को जिम फीस वापस करने के साथ ही छह हजार का हर्जाना देने को कहा गया है। इतना ही नहीं जिम संचालकों को सेवा में कोताही बरतने पर कड़ी फटकार भी लगाई है।

जानकारी अनुसार पंजाब यूनिवर्सिटी के पांच वर्षीय लाॅ विभाग के छात्र उज्जवल सूद ने मोहाली के फेज-8 स्थित द कोड फिटनेस सेंटर में 29 अगस्त 2019 से 27 अगस्त 2020 तक की मेंबरशिप ली थी। इसके लिए उसने 15 हजार रुपये की फीस भी दी। 15 जनवरी 2020 को जिम मैनेजमेंट की ओर से सूद को बताया गया कि अब मोहाली के मौजूदा जिम सेंटर को बंद किया जा रहा है। ऐसे में वह जीरकपुर या मोहाली के दूसरे सेंटर में शिफ्ट हो सकता है या फिर वह अपनी फीस नियमों के तहत वापस ले सकता है।

सूद ने जिम मैनेजमेंट से 16 जनवरी 2020 को फीस रिफंड करने के लिए आवेदन कर दिया। जिम मैनेजमेंट ने एक महीने के भीतर फीस वापस करने का भरोसा दिलाया, लेकिन समय पूरा होने के बाद भी उपभोक्ता को पूरी रकम नहीं मिली। उज्जवल को जिम की ओर से सिर्फ 7870 रुपये ही वापस किए गए। जिम की मनमानी के खिलाफ सूद ने मोहाली स्थित जिला कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज करवाई। इस मामले में जिम संचालकों को नोटिस भी भेजा गया। लेकिन उसपर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। मामले में उपभोक्ता ने न्याय के लिए फोरम का दरवाजा खटखटाया। फोरम ने अपने आदेश में कहा गया कि कंपनी ने सर्विस देने में लापरवाही की और वादे के अनुसार पैसे भी नहीं लौटाए। फोरम की ओर से जिम कंपनी पर तीन हजार हर्जाना और तीन हजार केस का खर्च देने के निर्देश दिए हैं। कंपनी को फरवरी 2020 से 7870 रुपये पर नौ फीसद जुर्माने के साथ याचिकाकर्ता को छह हजार की राशि भी देनी होगी।

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