पंजाब में लैंड रिकार्ड वालों से ही सरकार खरीदेगी धान, दूसरे राज्‍यों के किसान यहां नहीं बेच सकेंगे फसल

पंजाब में किसानों के धान की खरीद के नियम इस बार बदल दिए गए हैं और लैंड रिकार्ड लेकर आने वाले किसानों के धान की ही मंडियों में सरकारी खरीद होगी। इसके साथ ही अन्‍य राज्‍यों के किसानों के धान की खरीद पंजाब में नहीं होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 06:14 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 06:45 PM (IST)
पंजाब में लैंड रिकार्ड वालों से ही सरकार खरीदेगी धान, दूसरे राज्‍यों के किसान यहां नहीं बेच सकेंगे फसल
पंजाब में बिना लैंड रिकार्ड वाले किसानों के धान की सरकारी खरीद नहीं होगी। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़ , [इन्द्रप्रीत सिंह]। किसानों के नाम पर अन्य राज्यों से सस्ती दरों पर लाकर पंजाब की मंडियों में धान नहीं बेचा जा सकेगा क्योंकि केंद्र सकरार के दबाव के बाद पंजाब सरकार अब किसानों का लैंड रिकार्ड भी लेगी। अब तक किसान जितनी भी फसल लाते थे, मंडियों में सरकारी खरीद एजेंसियां उसे खरीद लेती थीं लेकिन अब नए फार्मेट में किसानों को बताना होगा कि उसकी कितनी जमीन है। कृषि विभाग, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को प्रति एकड़ पैदावार की औसत बताएगा , उससे ज्यादा अगर संबंधित किसान के पास धान आई तो उसकी खरीद नहीं की जाएगी।

जिन किसानों की फसल उनकी लैंड रिकार्ड से ज्यादा आई वह नहीं खरीदी जाएगी

काबिले गौर है कि पंजाब की मंडियों में दूसरे राज्यों से आई धान भी भारी मात्रा में बिकती है जो व्यापारी किसानों के नाम पर सस्ती दरों पर लाते हैं और यहां पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच देते हैं। मंडी अफसरों, खरीद एजेंसियों और व्यापारियों की मिलीभगत के साथ इस तरह की बिक्री से केंद्र सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगता है। पिछले साल का ही आंकड़ा लिया जाए तो राज्य सरकार ने 182 लाख टन की तैयारी की थी लेकिन मंडियों में 202 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई। बीस लाख टन धान कहां से आई,इसका पता नहीं लगाया जा सका।

अब किसानों के नाम पर व्यापारी नहीं बेच पाएंगे मंडियों में बाहरी राज्यों से लाकर धान

रबी के सीजन में केंद्र सरकार ने किसानों का लैंड रिकार्ड भी मांगा लेकिन पंजाब सरकार ने कोविड का बहाना बनाकर इसे अगले सीजन के लिए टाल दिया। केंद्र सरकार ने आरडीएफ पर रोक लगा दी। पंजाब सरकार के अधिकारियों, मंत्रियों ने जब केंद्र सरकार से इस बारे में बात की तो अप्रैल महीने में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने आश्वासन दिया कि धान के सीजन में सरकार किसानों का लैंड रिकार्ड पोर्टल पर उपलब्ध करवा देगी।

इस बारे में पिछले दिनों मुख्य सचिव विनी महाजन ने कृषि, राजस्व और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की मीटिंग की और कहा कि अगस्त महीने से राजस्व विभाग से लैंड रिकार्ड मंडी बोर्ड के अनाज खरीद पोर्टल पर उपलब्ध करवाया जाए और जब किसान अपनी फसल मंडियों में लेकर आएं तो यह रिकार्ड से मैच किया जाए।

मंडी बोर्ड ने आज इस संबंधी सभी सभी मार्किट कमेटियों में चार महीने के लिए अनुबंध पर कर्मचारी लगाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। हर मार्किट कमेटी में चार लोगों की टीम लगाई जाएगी जो राजस्व विभाग से डाटा लेकर अनाज खरीद पोर्टल पर अपलोड करेगी। इस पर एक सुपरवाइजर रखा जाएगा। मंडी बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि हमारा लक्ष्य एक महीने में सारा काम पूरा करने का है ताकि अगर किसी के डाटा में गलती हो तो हम सितंबर महीने में इसे ठीक कर सकें। अक्टूबर महीने से धान की खरीद शुरू होगी।

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