चंडीगढ़ में 95 हजार स्टूडेंट्स को पुस्तकें देने में जुटे सरकारी टीचर्स, स्कूलों में बनाए जा रहे किताबों के सेट

सत्र 2021-2022 की तैयारी शहर के सरकारी स्कूलों में शुरू हो चुकी है। शिक्षा विभाग द्वारा मंगवाई गई पुस्तकें स्कूलों में पहुंच चुकी है और टीचर्स किताबों के सेट बनाकर उन्हें स्टूडेंट्स को देने की तैयारी कर रहे हैं।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Mon, 29 Mar 2021 01:36 PM (IST) Updated:Mon, 29 Mar 2021 01:36 PM (IST)
चंडीगढ़ में 95 हजार स्टूडेंट्स को पुस्तकें देने में जुटे सरकारी टीचर्स, स्कूलों में बनाए जा रहे किताबों के सेट
चंडीगढ़ में 95 हजार स्टूडेंट्स को पुस्तकें देने में जुटे सरकारी टीचर्स।

चंडीगढ़, जेएनएन। सत्र 2021-2022 की तैयारी शहर के सरकारी स्कूलों में शुरू हो चुकी है। शिक्षा विभाग द्वारा मंगवाई गई पुस्तकें स्कूलों में पहुंच चुकी है, और टीचर्स किताबों के सेट बनाकर उन्हें स्टूडेंट्स को देने की तैयारी कर रहे हैं। शहर के 115 सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के करीब 95 हजार स्टूडेंट्स को शिक्षा विभाग की तरफ से पुस्तकें देनी है, हालांकि नया सत्र कब से शुरू होगा इसे लेकर असमंजस है। तीसरी से आठवीं कक्षा के ऑनलाइन एग्जाम पूरे हो चुके है लेकिन नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के ऑफलाइन एग्जाम बीच में अटक चुके है। जब तक नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के एग्जाम पूरे नहीं होते उस समय तक परिणाम घोषित नहीं होगा और बिना परिणाम के अगला सत्र शुरू कर पाना असंभव है, लेकिन उसके बावजूद स्कूलों ने स्टूडेंट्स को पुस्तकें देने की कवायद शुरू कर दी है।  

प्राइवेट स्कूलों ने वार्षिक परीक्षा और परिणाम के बाद नया सत्र शुरू कर दिया है लेकिन उन स्टूडेंट्स को बाजार में सभी नई पुस्तकें नहीं मिल रही है। पुस्तकें नहीं मिलने के चलते प्राइवेट स्कूल स्टूडेंट्स परेशान है कि आखिर पढ़ाई किस प्रकार से पूरी हो। उल्लेखनीय है कि शहर की पुस्तक विक्रेता के पास एनसीईआरटी की पुस्तकें उपलब्ध नहीं है। शहर के स्कूल प्रिंसिपल की माने तो पहली से आठवीं कक्षा तक किसी भी स्टूडेंट को फेल नहीं किया जा सकता। ऐसे में हमारे पास स्टूडेंट्स की काउटिंग है। उसी के अनुसार हम किताबों के सेट तैयार कर रहे है।

सत्र शुरू होने की घोषणा के बाद जैसे विभाग की तरफ से पुस्तकें देने की निर्देश होगा उसी के अनुसार स्टूडेंट्स को पुस्तकें मुहैया कराई जाएगी और सत्र की शुरूआत की जाएगी। विभागीय सूत्रों की माने तो अप्रैल में ही पुस्तकें स्टूडेंट्स को दी जाएंगी। यदि कोरोना की रफ्तार कम होती है तो पुस्तकें स्टूडेंट्स स्कूल आकर लेकर जाएंगे और यदि कोरोना संक्रमण कम नहीं होता तो विभाग घर पहुंचकर स्टूडेंट्स को पुस्तकें मुहैया कराएगा।

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