गोलकीपर गुरप्रीत सिंह को मिला फुटबॉलर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड
सुरिंदर सिंह बताते हैं कि साल 2001 में गुरप्रीत सिंह सेंट स्टीफंस में फुटबॉल सीखने के लिए आया शुरुआत में गुरप्रीत बतौर स्ट्राइकर खेलना चाहते थे लेकिन उनकी लंबी हाईट को देखते हुए मैंने उन्हें गोलकीपर बनने की सलाह दी।
चंडीगढ़, विकास शर्मा। इंडियन फुटबॉल टीम के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू को ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआइएफएफ) ने साल 2019-20 में बेहतर प्रदर्शन के लिए फुटबॉलर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड देने की घोषणा की है। उनके साथ फुटबॉलर संजू को भी यह अवॉर्ड मिला है। इससे पहले साल 2019 में गुरप्रीत सिंह संधू को खेल मंत्रालय की तरफ से अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था। गुरप्रीत सिंह के कोच सुरिंदर सिंह बताते हैं कि साल 2001 में गुरप्रीत सिंह सेंट स्टीफंस में फुटबॉल सीखने के लिए आया, शुरुआत में गुरप्रीत बतौर स्ट्राइकर खेलना चाहते थे, लेकिन उनकी लंबी हाईट को देखते हुए मैंने उन्हें गोलकीपर बनने की सलाह दी।
शुरुआत में मेरा यह फैसला गुरप्रीत को अच्छा नहीं लगा, लेकिन जैसे-जैसे उसकी लय बनती गई, वैसे गुरप्रीत निखरते गए। गुरप्रीत को फुटबॉलर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिलना उसकी सफलता की कहानी को बयां करता है।
अंडर-16 नेशनल गेम्स में पड़ी थी सेलेक्टर्स की नजर
कोच सुरिंदर सिंह बताते हैं ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की तरफ से आयोजित नेशनल फुटबॉल गेम्स -2006 में गुरप्रीत चंडीगढ़ फुटबॉल टीम की तरफ से खेल रहे थे। इस बड़े टूर्नामेंट में फेडरेशन की तरफ से सेलेक्टर्स की भी कमेटी बैठी हुई थी। जिसमें टीम के तकनीकी कोच कॉलम सोल ने पहली नजर में गुरप्रीत की प्रतिभा को पहचान लिया था। उन्होंने गुरप्रीत सिंह का नाम नेशनल कैंप के लिए प्रस्तावित किया। इसी साल गुरप्रीत सिंह अंडर-16 नेशनल टीम में आ गए। इसके बाद वे टीम इंडिया की अंडर-16, 18, 19 टीम का हिस्सा रहे। इसके बाद वह सीनियर टीम में खेल रहे हैं।
कई नामी क्लब्स के साथ जुड़े रहे हैं गुरप्रीत
गुरप्रीत देश-विदेश के कई नामी क्लब्स के साथ जुड़े रहे हैं। वे साल 2009-14 तक ईस्ट बंगाल कोलकाता फुटबॉल क्लब से जुड़े रहे। इसी दौरान उन्हें इंग्लैंड के वीगल क्लब से जुड़ने का ऑफर आया, लेकिन वह अपने प्रोफेशनल कांट्रेक्ट की वजह से इस क्लब से नहीं जुड़ पाए। इसके बाद वह नार्वे के क्लब स्टाबीक की तरफ से साल 2014-17 तक खेले। इस दौरान उन्होंने साल 2016 में यूरोप लीग भी खेली। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खेलने वाले वह पहले खिलाड़ी थे, जोकि अपने आप में एक रिकॉर्ड है। साल 2017 में गुरप्रीत ने बेंगलुरु फुटबॉल क्लब ज्वाइन किया और अभी वह इसी क्लब में खेल रहे हैं।
परिजन बोले : अवॉर्ड मिलना बड़ी बात
गुरप्रीत सिंह संधू की मां हरजीत कौर और पिता तेजिंदर सिंह ने बताया कि उन्हें अपने बेटे की उपलब्धियों पर नाज है। यह पूरे संधू परिवार के लिए गर्व की बात है कि परिवार के बेटे को साल 2019 में बेहतर खेल प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवॉर्ड मिला और 2020 में उसे फुटबॉलर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला।
गुरप्रीत सिंह का प्रोफाइल
नाम - गुरप्रीत सिंह
जन्म - 3 फरवरी, 1992 चमकौर साहिब
पंजाब हाईट - 6.6 फीट
प्लेइंग पोजिशन - गोलकीपर
अवॉर्ड - अर्जुन अवॉर्ड (साल 2019)