पंजाब के बजट में दिखेगी 2022 के विधानसभा चुनाव की झलक, आमजन के मुद्दे टॉप पर
पंजाब के बजट 2020 में वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की झलक देखने को मिल सकती है। इसकी पूरी संभावना है कि बजट में सरकार आम जनता के मुद्दे टॉप पर रहेंगे।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब विधानसभा में 28 फरवरी को राज्य के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल बजट पेश करेंगे। इस बजट में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की झलक देखने को मिलेगी। बजट में आम जनता के मुद्दे टॉप पर होंगे। दरअसल, कांग्रेस को 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव की चिंता अभी से सता रही है। पार्टी को लगता है कि लोगों में कांग्रेस सरकार की छवि अच्छी नहीं है।
दिल्ली में आप की भारी जीत को हलके में नहीं ले रही कांग्रेस
इसके अलावा दिल्ली में भारी बहुमत से दोबारा सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब में पुन: जोर लगाने का फैसला किया है। कांग्रेस आप को किसी भी सूरत में हलके में नहीं ले रही है। इसका असर अगले सप्ताह पेश होने वाले बजट पर दिख सकता है।
सबकी नजरें वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के बजट पर टिकी हुई हैं। वह 28 फरवरी को प्रदेश का बजट पेश करेंगे। वह पार्टी की बेचैनी को समझ रहे हैैं। उनका कहना है कि चिंता करने की जरूरत नहीं है, बजट धमाकेदार होगा। इस बार का बजट युवा और कृषि क्षेत्र पर फोकस करने वाला होगा क्योंकि ये दोनों पंजाब की रीढ़ की हड्डी हैैं। वित्तमंत्री के इस बयान के बाद अब यह देखना होगा कि उनका बजट पंजाब के लोगों के मन में प्रीत पैदा कर पाता है या नहीं।
चिंता करने की जरूरत नहीं, धमाकेदार होगा बजट : वित्तमंत्री
वित्तमंत्री अच्छी तरह से समझ रहे हैं कि कांग्र्रेस का भविष्य तभी सुरक्षित हो सकता है जब युवा और किसान शक्ति का उस पर भरोसा हो। करीब पांच हजार करोड़ रुपये की किसानों की कर्ज माफी के बावजूद 'विश्वास को लेकर कांग्रेस की झोली खाली है। स्मार्टफोन और घर-घर रोजगार को लेकर युवाओं की आंखों में 2017 में कांग्रेस ने जो चमक पैदा की थी वह धुंधली पड़ने लगी है। स्मार्टफोन तो अभी तक दिए ही नहीं गए और रोजगार भी कुछ को ही मिला। ऐसे में वित्तमंत्री 2020-21 के बजट में इन वर्गों पर फोकस करने जा रहे हैं।
जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स के ढांचे में बदलाव करने को लेकर राज्य सरकार के हाथ बंधे हुए हैं। सरकार युवाओं और किसानों के सपने कैसे साकार करेगी जैसे सवाल पर मनप्रीत कहते हैं, 'मुद्दा टैक्स के स्लैब का नहीं है। सभी को पता है कि उसमें कोई गुंजाइश नहीं है।
टैक्स कलेक्शन की बात करें तो अगर पंजाब में टैक्स कलेक्शन गिरा है तो केंद्र सरकार का भी यही हाल है क्योंकि मंदी की मार तो है ही। आप एक बात तो मानेंगे ही कि बजट में मैं आंकड़ों को कभी भी तोड़-मरोड़ कर नहीं पेश करता हूं। अगर सरकार के खजाने में बिल बकाया है तो वह भी दिखाया जाता है। सरकार ने अगर बिजली सब्सिडी नहीं दी है तो वो भी बजट में ही दिखता है।
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