जी 23 को पंजाब में करना चाहिए रिफ्रेशर कोर्स, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने दी नसीहत

जी 23 के विवोद में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी कूद गए हैं। सुनील जाखड़ ने कहा कि इन वरिष्ठ नेताओं ने राज्यसभा में केवल नीतियां बनाई अब जमीनी हकीकत जानने का समय आ गया है। वह पंजाब आकर रिफ्रेशर कोर्स करें।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 10:46 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 11:51 AM (IST)
जी 23 को पंजाब में करना चाहिए रिफ्रेशर कोर्स, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने दी नसीहत
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। जी 23 को लेकर कांग्रेस में अंतरकलह चल रही है। पूर्व राज्यसभा सदस्य गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में कांग्रेस के नेता व उत्तर प्रदेश के पूर्व प्रदेश प्रधान राज बब्बर ने यह कहा कि जी 23 ही असली कांग्रेस है। आजाद का कहना है कि वह राज्यसभा से रिटायर हुए हैं राजनीति से नहीं। कांग्रेस के भीतर चल रही इस खींचतान में पंजाब से कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ भी कूद गए हैं। उन्होंने जी 23 को निशाने पर लेते हुए कहा कि इन नेताओं को पंजाब में आकर रिफ्रेशर कोर्स करना चाहिए, क्योंकि यह नेता जमीनी संघर्ष को भूल चुके हैं।

जी 23 में शामिल पंजाब के एक सांसद का नाम लिए बगैर जाखड़ ने कहा, यह नेता जम्मू से सड़क के माध्यम से ही वापस जाएगा। इन नेताओं को मंगलवार को महंगाई के खिलाफ राजभवन के घेराव में शामिल होना चाहिए। उनके अनुभवों को लाभ हमें भी मिलेगा और उनका भी रिफ्रेशर कोर्स हो जाएगा। क्योंकि वर्षों तक इन नेताओं ने राज्यसभा में बैठकर केवल नीतियां ही बनाई हैं। अब उन्हें सड़क की राजनीति से भी अवगत होना चाहिए। लोकसभा के पूर्व स्पीकर स्वर्गीय बलराम जाखड़ के बेटे सुनील जाखड़ ने कहा कि जरूरत है तो जमीन पर उतर कर संघर्ष करने की है। जिसके बाद कांग्रेस के वर्कर खुद ही अपना नेता चुन लेंगे।

जाखड़ ने कहा कि इन नेताओं को इसलिए भी पंजाब आना चाहिए, क्योंकि किसान आंदोलन की जनक पंजाब की ही धरती है। राहुल गांधी ने इसी धरती से किसानों के हित में ट्रैक्टर मार्च की शुरूआत की थी, इसलिए इन नेताओं को पंजाब आकर मिट्टी में मिट्टी होना चाहिए, पानी की बौछारें भी सहनी चाहिए और लाठी भी। उसके बाद असली नेता की पहचान हो जाएगी।

अहम पहलू यह है कि जाखड़ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लेकर ज्यादा सख्त नहीं दिखे। उनका कहना है कि हुड्डा तो फिर भी केंद्र सरकार के खिलाफ कुछ न कुछ करेंगे। क्योंकि हरियाणा का भी बजट सत्र आ रहा है लेकिन इन 'बड़े' नेताओं को भी सड़क पर उतरना चाहिए, क्योंकि बाद में यह 'बड़े' नेता पश्चिम बंगाल, असम चुनाव में व्यस्त हो जाएंगे।

chat bot
आपका साथी