कोटकपूरा गोलीकांड मामले में पंजाब के पूर्व सीएम Parkash Singh Badal तलब, 16 को SIT के समक्ष पेश होने के निर्देश
कोटकपूरा गोलीकांड के मामले में एसआइटी ने पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल को समन जारी कर दिया है। उन्हें 16 जून को एसआइटी के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए गए हैं। यह मामला इन दिनों राजनीतिक रूप से गरमा गया था।
जेएनएन, चंडीगढ़। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद हुए कोटकपूरा फायरिंग मामले की जांच के लिए गठित नई SIT ने अकाली दल के संरक्षक व पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) को 14 अक्टूबर 2015 और 7 अगस्त 2018 को कोटकपूरा शहर पुलिस स्टेशन में दर्ज दो प्राथमिकी के संबंध में तलब किया है। बादल को 16 जून को सुबह 10.40 बजे मोहाली में SIT के सामने पेश होना होगा। पिछली SIT की जांच को रद करने के बाद पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देश पर गठित नई SIT का नेतृत्व एडीजीपी रैंक के अधिकारी एलके यादव कर रहे हैं।
प्रकाश सिंह बादल को SIT के समक्ष संबंधित रिकार्ड के साथ व्यक्तिगत रूप से दिनांक 16.06.2021 को सुबह 10:30 बजे पीएसपीसीएल रेस्ट हाउस, फेज 8 एसएएस नगर (मोहाली) में पेश होना होगा। बता दें, 9 अप्रैल को न्यायमूर्ति राजबीर सहरावत की हाई कोर्ट बेंच ने कुंवर विजय प्रताप सिंह द्वारा दायर जांच और चार्जशीट को रद कर दिया था। इस SIT का गठन सितंबर 2018 में कैप्टन अमरिंदर सरकार द्वारा किया गया था। यह एसआईटी कोटकपूरा में बेअदबी कांड के विरोध में प्रर्शनकारियों पर गोलीबारी मामले की जांच कर रही थी जो कि 14 अक्टूबर 2015 में हुई थी।
हाई कोर्ट द्वारा पुरानी SIT की जांच और SIT को रद किए जाने के बाद पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। इसके बाद एलके यादव की अध्यक्षता में नई SIT का गठन किया गया। पुरानी SIT ने नवंबर 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से पूछताछ की थी।
इस पूछताछ के दौरान भी हाईप्रोफाइल ड्रामा हुआ था। जब कुंवर अकेले ही 2.30 बजे पूर्व मुख्यमंत्री के आवास पर पूछताछ करने के लिए पहुंच गए थे। जिस पर बादल ने उन्हें अपने सीनियर अधिकारियों को बुलाने के लिए कहा था। बाद में कुंवर ने SIT प्रमुख प्रबोध कुमार को बुलाया था। तब जाकर 45 तक मिनट तक SIT ने बादल से पूछताछ की थी।
बता दें, यादव की अध्यक्षता वाली SIT पहले ही पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और पंजाब पुलिस के कई अन्य अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है, जिसमें तत्कालीन डीआइजी रणबीर सिंह खटरा भी शामिल हैं, जिन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब की चोरी और बेअदबी में डेरा अनुयायियों की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। SIT ने सैनी, तत्कालीन आइजी परमराज सिंह उमरानंगल (जिन्हें बाद में निलंबित कर दिया गया था) और तत्कालीन मोगा एसएसपी चरणजीत शर्मा पर लाई डिटेक्टर टेस्ट करने के लिए फरीदकोट ट्रायल कोर्ट के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत किया है।