कैप्टन अमरिंदर सिंह के जल्द नई पार्टी बनाने की चर्चा, नाम हो सकता है 'पंजाब विकास पार्टी'

पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह कह चुके हैं कि वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं। अब उनके अगले कदम पर सबकी निगाह है। सूत्रों को मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब विकास पार्टी के नाम से नया दल बनाएंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 01 Oct 2021 02:39 PM (IST) Updated:Fri, 01 Oct 2021 02:49 PM (IST)
कैप्टन अमरिंदर सिंह के जल्द नई पार्टी बनाने की चर्चा, नाम हो सकता है 'पंजाब विकास पार्टी'
पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।

नई दिल्ली (आइएएनएस)| पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जल्द ही नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक कैप्टन की नई पार्टी का नाम 'पंजाब विकास पार्टी' होगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी नई पार्टी के गठन पर विचार करने के लिए कुछ दिनों में अपने करीबी नेताओं की बैठक बुलाएंगे, जिसमें सभी सिद्धू विरोधी नेता शामिल होंगे।

इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि उनका पहला लक्ष्य नवजोत सिंह सिद्धू को हराना है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में सिद्धू के खिलाफ उनकी नवगठित पार्टी से एक मजबूत दावेदार खड़ा होगा। इस बीच, कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के सभी किसान नेताओं से भी संपर्क करेंगे। वह छोटी पार्टियों से भी संपर्क करेंगे। 

गत दिवस कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह 52 साल से राजनीति में हैं, लेकिन पार्टी ने उनके साथ ऐसा व्यवहार किया। कहा कि साढ़े दस बजे कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने मुझसे कहा कि आप इस्तीफा दे दो। मैंने कोई सवाल नहीं पूछा। चार बजे मैं राज्यपाल के पास गया और इस्तीफा दे दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगर पार्टी को मुझ पर संदेह है तो मेरी विश्वसनीयता दांव पर है। ऐसी स्थिति में उनके पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है। इस बयान के साथ ही उन्होंने घोषणा की कि वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं, पर भाजपा में नहीं जा रहे।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से उन्हें जो अपमान सहना पड़ा, उससे वह बहुत आहत हैं। यह पहली बार नहीं है जब अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने की घोषणा की है। 1980 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 1984 में आपरेशन ब्लूस्टार के बाद वह अकाली दल में शामिल हो गए। 1998 में उन्होंने फिर कांग्रेस का दामन थामा।

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