नगर निगम चुनाव के लिए नेताओं के बेटों ने संभाला मोर्चा

इस बार का नगर निगम चुनाव कुछ अलग होगा। यह चुनाव कई नेताओं के उत्तराधिकारी भी तय करेगा। चुनाव के लिए कई नेता अपने बेटों के लिए टिकट मांग रहे हैं। नेताओं को लगता है कि यह बच्चों को राजनीति में उतारने का सही समय है। जबकि पार्टी की आल ओवर स्थिति बेहतर करने के लिए पूर्व सांसदों के बेटों ने भी राजनीतिक मोर्चा संभाल लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 06:22 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 06:22 AM (IST)
नगर निगम चुनाव के लिए नेताओं के बेटों ने संभाला मोर्चा
नगर निगम चुनाव के लिए नेताओं के बेटों ने संभाला मोर्चा

-पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और हरमोहन धवन के बेटे निभा रहे अहम भूमिका

-बंसल कांग्रेस और धवन आम आदमी पार्टी को जीत दिलवाने के लिए कर रहे है काम

-कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला के बेटे ने संभाली कांग्रेस भवन की कमान, भाजपा नेताओं के बच्चे भी आए राजनीति में

---------------------------

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़

इस बार का नगर निगम चुनाव कुछ अलग होगा। यह चुनाव कई नेताओं के उत्तराधिकारी भी तय करेगा। चुनाव के लिए कई नेता अपने बेटों के लिए टिकट मांग रहे हैं। नेताओं को लगता है कि यह बच्चों को राजनीति में उतारने का सही समय है। जबकि पार्टी की आल ओवर स्थिति बेहतर करने के लिए पूर्व सांसदों के बेटों ने भी राजनीतिक मोर्चा संभाल लिया है।

पूर्व केंद्रीय मत्री हरमोहन धवन के बेटे विक्रम धवन और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल से ज्यादा इस समय उनके बेटे मनीष बंसल ज्यादा काम कर रहे हैं। वह पार्टी की स्थिति बेहतर करने के लिए वह प्रत्येक दिन दो से तीन कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। इन दोनो पर अपनी पार्टी का मेयर बनवाने की जिम्मेवारी है। वहीं, दावेदार भी टिकट के लिए उनसे संपर्क कर रहे हैं। पार्टी के सीनियर नेता भी इनकी सहमति ले रहे हैं। जबकि इन दोनो ने खुद नगर निगम चुनाव नहीं लड़ना है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी इन दोनो नेताओं ने अपने पिता का जीत दिलवाने के लिए काफी प्रयास किया था। कार्यकर्ताओं में बंसल और धवन के बेटों को काफी क्रेज है। दिसंबर में होने वाले नगर निगम चुनाव के लिए उनके दल इन दोनो को चार से छह वार्ड का प्रभारी भी मनोनीत करने की तैयारी कर रहे हैं। धवन के बेटे विक्रम धवन आप के सीनियर उपाध्यक्ष है हालांकि बंसल के बेटे मनीष बंसल के पास कोई पद नहीं है, लेकिन उनकी युवा कांग्रेस में अच्छी पकड़ है। कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला मनीष बंसल से समय-समय पर राय लेते रहते हैं। जबकि भाजपा के सीनियर नेताओं के भी बेटे और बेटियां हैं, लेकिन वह राजनीति से दूर हैं और किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे।

अध्यक्ष चावला के बेटा भी निभा रहा सक्रिय भूमिका

कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला के बेटे सुमित चावला के पास भी पार्टी का कोई पद नहीं है। लेकिन वह सक्रिय कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे हैं। चंडीगढ़ कांग्रेस कार्यालय की पूरी कमान बेटा सुमित चावला ही संभालते हैं। इस समय वह अलग-अलग वार्डो में कार्यकर्ताओं की लिस्ट बना रहे हैं। जबकि यह माना जा रहा है कि इस बार चावला खुद चुनाव न लड़कर अपने बेटे को धनास सीट से उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारने की तैयारी में हैं। जबकि चावला यह भी घोषणा कर चुके हैं कि इस बार वह और उनके परिवार से कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा।

लक्की और भूपेंद्र अपने बेटों के लिए मांग रहे टिकट

इस समय कांग्रेस में मुख्य प्रवक्ता एचएस लक्की अपने बेटे करणबीर सिंह और उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बढहेड़ी अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं। उनके बेटे छात्र राजनीति से जुड़े हुए हैं। महिला कांग्रेस की अध्यक्षा दीपा दूबे अपने साथ अपने बेटे साहिब दूबे के लिए भी टिकट मांग रही है। साहिब दूबे इस समय कांग्रेस के सगठन सचिव के पद पर तैनात है। कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला के चुनाव में उनके बेटे काफी सक्रिय होते हैं। पूर्व डिप्टी मेयर बलराज सिंह के बेटे नवदीप युवा कांग्रेस के पदाधिकारी है और वह भी टिकट मांग रहे हैं। कांग्रेस पार्षद रविंदर कौर गुजराल के बेटे भी हाल ही में युवा कांग्रेस के सचिव बने हैं। कांग्रेस की अन्य पार्षद शीला फूल सिंह भी इस बार अपने बेटे के लिए टिकट मांग रही है।

भाजपा में भी नेताओं के बेटे सक्रिय

भाजपा में भी कई नेता ऐसे है जिनके बेटे राजनीति में सक्रिय है। पार्षद अनिल दूबे के बेटे युवा मोर्चा में सचिव है। पूर्व मेयर आशा जसवाल के बेटे बृजेश्वर जसवाल विधि प्रकोष्ठ के संयोजक है। पूर्व मेयर राजेश कालिया की बेटी भी युवा मोर्चा में सक्रिय है। कालिया मलोया से अपनी बेटी के लिए टिकट मांग रहे हैं। यह बताया जा रहा है कि आप के सह प्रभारी प्रदीप छाबड़ा अपने भतीजे को भी पार्टी में सक्रिय कर सकते हैं। पार्षद चंद्रवती शुक्ला के बेटे भी सक्रिय है।

chat bot
आपका साथी