नेशनल शूटर सिप्पी सिद्धू की हत्या के पांच साल बाद भी सीबीआइ खाली हाथ
पार्क के पास से नेशनल शूटर सुखमनप्रीत सिंह उर्फ सिप्पी सिद्धू का शव मिला था।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पांच वर्ष पहले 20 सितंबर 2015 की रात को सेक्टर-27 स्थित नेबरहुड पार्क के पास से नेशनल शूटर सुखमनप्रीत सिंह उर्फ सिप्पी सिद्धू का शव मिला था। सुखमनप्रीत को चार गोलियां मारी गई थी। मामले को पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी एक भी आरोपित को सीबीआइ अभी तक पकड़ नहीं सकी है। यही नहीं, सीबीआइ यह भी पता नहीं लगा सकी कि हत्यारे कौन थे और उन्होंने किस मकसद से सुखमनप्रीत की हत्या की थी। रविवार को पांच वर्ष बीत जाने के बाद पीड़ित परिवार ने हत्या वाली जगह पर कैंडल मार्च निकाला और सुखमनप्रीत को याद करते हुए न्याय की गुहार भी लगाई। हत्या के बाद पहले यूटी पुलिस ने एसआइटी बनाकर जांच शुरू की थी। एसआइटी जांच में फेल साबित हुई। इसके बाद केस सीबीआइ को ट्रांसफर किया गया था। 22 जनवरी 2016 को यूटी पुलिस ने जिला अदालत में बताया कि मामला सीबीआइ को ट्रांसफर कर दिया गया है। सीबीआइ ने 13 अप्रैल 2016 को अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की थी। सिप्पी के परिवार वालों ने हाई कोर्ट की एक जज की बेटी पर आरोप लगाए थे। हालांकि उसके बाद जज का ट्रांसफर राजस्थान हाई कोर्ट में कर दिया गया था। उससे पूछताछ के लिए सीबीआइ ने दिल्ली हेडक्वार्टर से इजाजत मांगी थी। हेडक्वार्टर से हरी झंडी मिली थी। जिसके बाद उससे पूछताछ भी की थी। लेकिन सीबीआइ मामले में कुछ भी सामने लाने में विफल रही है। भाई बोला : दूर किया जाए जज का ट्रांसफर
सुखमनप्रीत के भाई जिप्पी सिद्धू ने बताया कि या तो जज का ट्रांसफर कहीं दूर किया जाना चहिए या फिर जब तक मामले की जांच की जा रही है, तब तक जज को छुट्टी दे देनी चाहिए। जिप्पी ने बताया कि सीबीआइ ने अपनी जांच में खुद कहा है कि उनके पास काफी सुबूत है, जिससे यह पता चलता है कि जिस समय सुखमनप्रीत का मर्डर हुआ, उस समय उसके साथ कोई लड़की मौजूद थी।