चंडीगढ़ में 178 एनएचएम कर्मियों को फिर मिली नौकरी, स्वास्थ्य विभाग ने इन शर्तों को किया लागू
एडवाइजर धर्म पाल की अध्यक्षता में हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों से हुई मीटिंग में नौकरी से निकाले गए 178 एनएचएम कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखने का निर्णय लिया गया। स्टाफ के प्रतिनिधिमंडल ने भरोसा दिया है कि भविष्य में कभी ऐसा नहीं होगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। निकाले गए नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के 178 कांट्रेक्चुअल कर्मचारियों को नौकरी पर दोबारा रखने के आदेश तो हो गए हैं। अब इन कर्मचारियों को शर्तों के आधार पर नौकरी दी गई है। जिन शर्तों पर यह नौकरी दी गई है उनमें कुछ सख्त नियम और कायदों का पालन करना भी शामिल है। स्टाफ को लिखित में गलती स्वीकार करनी होगी और भविष्य में ऐसा नहीं करने की बात लिखनी होगी।
वहीं, सेलरी डीसी रेट के बराबर नहीं हो सकती उनके वर्किंग ऑवर्स कम होते हैं। कर्मचारियों को सेलरी एंड सर्विस कंडीशन का चयन करना होगा। यह एनएचएम या फिर आउटसोर्स डीसी रेट के हिसाब से होंगी। सर्विस कंडीशन एनएचएम के हिसाब से और पे डीसी रेट के तहत मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता। स्टाफ द्वारा अचानक से हड़ताल पर चले जाना सीधे तौर पर गैर जिम्मेदाराना है अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इसलिए गई थी नौकरी
डेंगू के मामले बहुत ज्यादा बढ़ने के बावजूद हड़ताल पर चले जाने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट ने इन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। उसके बाद से यह हड़ताल जारी रख रहे थे। एडवाइजर धर्म पाल की अध्यक्षता में हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों से हुई मीटिंग में इन्हें दोबारा नौकरी पर रखने का निर्णय लिया गया। स्टाफ के प्रतिनिधिमंडल ने भरोसा दिया है कि भविष्य में कभी ऐसा नहीं होगा। कर्मचारियों की कांट्रेक्चुअल इंप्लायमेंट बिना ब्रेक के ही मानी जाएगी जितने दिन वह गैरहाजिर रहे उसको लीव विदाउट पे के तहत मंजूर किया जाएगा। वह एनएचएम के कांट्रेक्चुअल इंप्लाइज के तौर पर ही काम करें डीसी रेट के तहत आउटसोर्सड इंप्लाइ का विकल्प न भरें।