चंडीगढ़ में IT Park के साथ सटे जंगल में लगी आग, दो फायर टेंडर ने आधे घंटे में पाया काबू

कर्मचारियों के अनुसार इन जंगलों में काफी कूडा-करकट के साथ ही छाड़ियां हैं जो बहुत जल्दी आग पकड़ते हैं। आग लगने की ठोस वजह नहीं बताई जा सकती लेकिन लगता है कि इस पर किसी ने बीड़ी या फिर सीगरेट पीकर फेंक दी होगी जिस वजह से आग लगी।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sun, 04 Jul 2021 02:16 PM (IST) Updated:Sun, 04 Jul 2021 02:16 PM (IST)
चंडीगढ़ में IT Park के साथ सटे जंगल में लगी आग, दो फायर टेंडर ने आधे घंटे में पाया काबू
आइटी पार्क के साथ जंगल में लगी आग बुझाते दमकल विभाग के कर्मचारी।

जासं, चंडीगढ़। गर्मी बढ़ने के साथ ही तापमान में भी इजाफा होने लगा है। इसके साथ एक बार फिर से शहर में आगजनी की घटनाएं भी होने लगी है। आज सुबह 11 बजे आइटी पार्क के पास जंगलों में आग लग गई। आग की सूचना मिलते ही मनीमाजरा फायर स्टेशन से एक फायर टेंडर माैके पर पहुंचा, लेकिन आग ज्यादा फैल जाने के कारण एक और फायर टेंडर को बुलाया गया। आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

कर्मचारियों के अनुसार इन जंगलों में काफी कूडा-करकट के साथ ही छाड़ियां हैं, जो बहुत जल्दी आग पकड़ते हैं। आग लगने की ठोस वजह नहीं बताई जा सकती लेकिन लगता है कि इस पर किसी ने बीड़ी या फिर सीगरेट पीकर फेंक दी होगी, जिस वजह से आग लगी। गौरतलब है कि आइटी पार्क के जंगलों में काफी जंगली जानवर भी रहते हैं। अगर आग विकराल रूप ले लेती तो फिर उसकी चपेट में जंगली जानवर भी आ सकते थे। इससे पहले भी बीते कुछ दिनों में रात के समय सेक्टर-33 में भी आग की घटना हुई थी। उस समय भी कूड़े के ढेर में आग ने विकराल रूप ले लिया था। गनीमत रही थी कि आग वहीं नजदीक के पेट्रोल पंप तक नहीं पहुंची थी।

कई हफ्तों से नहीं उठाए गए पत्ते

अधिकारियों को दिखाने और खुश करने के लिए कर्मचारी शहर की मुख्य सड़कों पर सफाई करते है। यहां पर कूड़ा उठाने वाले वाहन भी दिन में चार चार बार आते हैं लेकिन जब बात रिहायसी इलाकों की या फिर इंटरनल सड़कों की हो तो मामला बिल्कुल उलटा नजर आता है। यहां पर पत्तों के ढेर से फुटपाथ सजाई हुई है और हफ्तों हफ्तों तक उन्हें उठाने के लिए कोई निगम का वाहन नहीं आता। इसके साथ ही इन सड़कों पर निगम का कोई भी अधिकारी चेकिंग के लिए भी नहीं आता।

फायर विभाग के कर्मचारी भी जता चुके है चिंता

दमकल विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का कहना है कि निगम कर्मचारियों द्वारा सूखें पत्तों को ऐसे ही कहीं पर भी डंप कर दिया जा रहा है। निगम के पास पत्ताें काे डंप करने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है। आलम यह है कि इन सूखें पत्तों में आग लगने के लिए एक छोटी सी चिंगारी की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि कई बार प्रत्यक्षदर्शियों ने उन्हें बताया है कि सूखें पत्तों में ढेर में कोई भी आग लगा कर चला जाता है जो एक गंभीर समस्या है।

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