Punjab Farmers Protest: पंजाब में किसान रेलवे ट्रैक पर जमे, ट्रेनों का आवागमन ठप, यात्रियों की मुसीबत

Punjab Farmers Protest पंजाब में किसान केंद्र सरकार के नएकृषि कानूनों के खिलाफ के आज से रेल ट्रैकोंं पर हैं। किसानों को यह रेल राेको आंदोलन इसा बार अनिश्चितकाल तक चलेगा। इस कारण रेल यात्रियों की मुसीबत बढ़े़गी। रेलवे पंजाब में ट्रेनों का आवागमन बंद कर दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 08:37 AM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 06:06 PM (IST)
Punjab Farmers Protest: पंजाब में किसान रेलवे ट्रैक पर जमे, ट्रेनों का आवागमन ठप, यात्रियों की मुसीबत
संगरूर के रेलवे स्‍टेशन पर रेल ट्रैक पर धरना देते किसान संगठन के सदस्‍य।

चंडीगढ़, जेएनएन। Punjab Farmers Protest: पंजाब में किसान आज से फिर रेल ट्रैकों पर हैं। इससे राज्‍य में ट्रेनों का आवागमन ठप हो गया है और इससे यात्रियों को भारी परेशानी करनी पड़ रही है। राज्‍य में आज से किसानों ने अनिश्चिताकालीन रेल रोका आंदोलन शुरू किया है। किसान सुबह से ही रेल ट्रैकों पर जम गए हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता भी केिसानाें के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।

अमृतसर के जंडियाला गुरु क्षेत्र के गांव देवीदासपुरा में किसानों द्वारा रेलवे ट्रैक पर लगातार दिए जा रहा धरना  आज आठवें दिन में प्रवेश कर गया। आज किसानों ने अंबानी और अडानी कॉरपोरेट घरानों का पुतला जलाया। किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सभी लोगों को चाहिए कि वे कॉरपोरेट घरानों का बहिष्‍कार करें1 लोग हरेक चौक-चौराहे पर इनके पुतले फूंकें और छोटी-छोटी दुकानों को बढ़ावा दें। किसान अब कॉरपोरेट घरानों के शॉपिंग मॉल्स, गोदाम, पेट्रोल पंप और अन्य संस्थानों के आगे धरने देंगे।

अमृतसर के देवीदासपुरा में रेलवे ट्रैक पर धरना देते किसान।

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ 31 किसान संगठन आज से ट्रेन रोकने के लिए फिर से रेलवे ट्रैक पर मोर्चा लगा रहे हैं। इस बार किसानों संगठनों ने अनिश्चित काल के लिए ट्रेन रोकने की घोषणा की है। हालांकि अमृतसर और फिरोजपुर में किसानों ने पहले से ही ट्रैक पर धरना दे रखा है। इसके कारण ट्रेनें नहीं चल रही है। किसान संगठनों ने इससे पहले 24 से 26 सितंबर तक रेलवे ट्रैक पर धरना दिया था। किसान संगठनों के धरने के कारण रेलवे ने पहले ही रेल सेवाओं को बंद कर रखा है।

मानसा में रेलवे ट्रैक पर धरना देते किसान।

मानसा के रेलवे स्टेशन पर विभिन्न किसान संगठनों के नेता व कार्यकर्ता धरना लगाकर बैठे हैं। उन्‍होंने रेल ट्रैक पर सुबह से ही किसान धरना लगाकर बैठे हुए हैं। वे केंंद्र सरकार के कृषि कानूनाें केे खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे हैं। सरहिंद नंगल रेलवे लाइन पर भी किसान धरना देकर बैठे हैं। फरीदकोट में भी  किसान संगठनों ने फरीदकोट रेलवे स्टेशन के नजदीक रेलवे ट्रैक पर बैठकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू है।

गुरदासपुर में रेलवे ट्रैक पर धरना देकर बैठे किसान संगठनों के सदस्‍य।

गुरदासपुर में भी कृषि कानूनों के खिलाफ रेलवे ट्रैक पर किसान धरने पर बैठे हैं। लुधियाना, जालंधर सहित राज्‍य के अन्‍य हिस्‍सों में भी किसानों का आंदोलन कर रहे हैं। कई जगहोंं पर किसानों ने रेलवे ट्रैक पर टेंट लगा लिए हैं और धरने पर बैठ गए हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल का कहना है कि अनिश्चित काल के लिए रेल रोको आंदोलन शुरू किया गया है। इसके अलावा शंभू बैरियर समेत विभिन्न क्षेत्रों में भी धरने दिए जा रहे हैं।

सरहिंद में रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठे किसान।

नाभा-पटियाला रेलवे ट्रैक गांव धबलान के रेलवे स्टेशन पर भारतीय किसान यूनियन एकता उमरहां के सदस्यों ने धरना देकार ट्रैक  को जाम कर दिया। सुनाम रेलवे स्टेशन पर भी किसान संगठनों के सदस्‍य और भाकियू उगरहां के कार्यकर्ता धरना दे रहे हैं। रूपनगर में नंगल चौक के पास रेलवे लाइन पर किसान संगठनों के बैनर तले रेल रोको आंदोलन के तहत किसान रेल ट्रैक पर धरना दे रहे थे।

गांव धबलान के रेलवे स्टेशन पर धरना देते किसान।

अमृतसर में किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा की ओर से आंदोलन के तहत किसानों ने राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक के घर के बाहर रोष प्रदर्शन शुरू किया है। प्रदर्शनकारियों के नेताओं जितेंद्र सिंह छीना, रतन सिंह रंधावा और अजय सिंह ने कहा कि भाजपा ने किसान विरोधी कानून लागू करके किसानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। भाजपा के सांसदों के घरों का किसान संगठन  घेराव कर रहे हैं और इन सांसदों के माध्यम से वे अपनी मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति तक पहुंच जाएंगे। उनकी मांग है कि तीनों किसान विरोधी कानून और बिजली एक्ट रद किए जाएं।

अभी 14 ट्रेनें बंद हैं, कई ट्रेनें अंबाला तक चलाई जा रहीं

किसानों के आंदोलन के कारण पंजाब से 14 यात्री ट्रेनें फिलहाल बंद हैं। इनमें से कई ट्रेनें अंबाला से आंशिक रूप से चलाई जा रही हैं। किसानों ने अनिश्चितकाल के लिए रेल ट्रैकों पर बैठने की घोषणा कर दी है। इससे जाहिर है कि रेल यात्रियों की परेशानी भी अनिश्चितकाल के लिए जारी रहेगी। पंजाब से लंबी दूरी की यात्रा के लिए लोगों को अंबाला जाना पड़ रहा है। उधर, अन्य राज्यों की लंबी दूरी की यात्रा कर आने वालों को अंबाला उतरना पड़ रहा है। वहां से पंजाब के लिए अंतरराज्‍यीय बसें न चलने से वहां से लोगों को पहले चंडीगढ़ जाना पड़ रहा है। वहां से वे पंजाब की बसें पकड़ रहे हैं। ऐसे ही यहां के लोगों को चंडीगढ़ जाकर अंबाला पहुंचना पड़ रहा है।

इसके अलावा व्यावसायिक व अन्य कार्यों से दिल्ली, अंबाला व अन्य स्थानों के लिए जाने वाले विशेषकर मालवा के लोगों को अंबाला व दिल्ली तक टैक्सी से आवागमन करने के लिए हजारों रुपये चुकाने पड़ रहे हैं।  परेशानियों का सामना उन्हेंं अलग से करना पड़ रहा है। ऐसे में रेलवे अधिकारी भी किसानों के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। वे किसानों के ट्रैक से हटने के बाद ही ट्रेन चलाने की बात कर रहे हैं।

वैसे, आंदोलन के बावजूद अन्य राज्यों की जरूरत के अनुरूप पंजाब से खाद्यान्न की आपूर्ति बिना रुकावट जारी है। एफसीआइ जिन राज्यों के लिए चावल व गेहूं के रैक मांग रहा है, उन्हें मालगाडिय़ों के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है। यहीं नहीं, पंजाब के व्यापारी भी विभिन्न राज्यों से सब्जियां, मछली, दवाएं, चीनी व दूसरी वस्तुएं मंगवा रहे। ये वस्तुएं रेलवे पार्सल ट्रेनों से पहुंचा रहा है। इससे राज्य में जरूरी वस्तुओं की किल्लत नहीं है।

फिरोजपुर मंडल रेलवे के सीनियर डीओएम सुधीर कुमार ने बताया कि किसानों के आंदोलन से मालगाडिय़ां प्रभावित नहीं हुई हैं। खाद्यान्न व अन्य आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई पहले की तरह ही हो रही हैं। फिरोजपुर, अमृतसर व जालंधर से चलने वाली यात्री गाडिय़ों को अंबाला, दिल्ली आदि स्टेशनों से आंशिक रूप से चलाया जा रहा है। जैसे ही किसान रेलवे ट्रैक से हटेंगे, वैसे ही पंजाब के स्टेशनों से यात्री ट्रेनों का आवागमन शुरू हो जाएगा।

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