16 साल बाद कनाडा से वापस आया तो अपनों ने हड़प ली जायदाद, चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर युवक ने मांगा न्याय

चंडीगढ़ में कनाडा से आए युवक ने परिवार पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि साल 2019 में जब वह वापस देश आए तो पता चला कि उनके पिता मां और बहनाें ने मिलकर उनके एमडीसी सेक्टर-6 स्थित करोड़ों के प्लॉट को धोखे से बेच दिया।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 03:16 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 03:16 PM (IST)
16 साल बाद कनाडा से वापस आया तो अपनों ने हड़प ली जायदाद, चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर युवक ने मांगा न्याय
कनाडा से आए युवक ने परिवार पर लगाया जमीन हड़पने का आरोप।

चंडीगढ़, जेएनएन। इंसान सबसे ज्यादा भरोसा अपनों पर करता है और माता-पिता का रिश्ता इंसान के लिए भगवान से बड़ा होता है। लेकिन जब वहीं अपने ही जमीन-जायदाद और पैसों के लिए धोखा दे तो इंसान बुरी तरह से टूट जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ है कनाडा निवासी नरेश कौशल के साथ, जो पैसे कमाने के लिए साल 2005 में ही देश छोड़कर कनाड़ा चले गए थे। साल 2019 में जब वह वापस देश आए तो पता चला के उनके पिता, मां और बहनाें ने मिलकर उनके एमडीसी सेक्टर-6 स्थित करोड़ों के प्लॉट को धोखे से बेच दिया। अब वे अपनी प्रॉपर्टी को वापस लेने के लिए इधर-उधर चक्कर काट रहे हैं। सोमवार को उन्होंने प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मांग रखी कि ट्राईसिटी में एनआइआर लोगों के लिए स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट होनी चाहिए ताकि उन जैसे हजारों लोगों को इंसाफ मिल सके। कौशल ने इस संबंध में प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, चीफ जस्टिस पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट और मुख्यमंत्री हरियाणा को लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने फास्ट ट्रैक कोर्ट की मांग उठाई है।

पुलिस में दी है शिकायत

अपनों की इस करतूत के खिलाफ अब नरेश कौशल ने मां-बाप, बहनों और जीजा के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है। कौशल ने कहा कि चंडीगढ़ और हरियाणा में एनआरआइ की शिकायतों के लिए कोई स्पेशल सेल नहीं है। अब वे इंसाफ के लिए दो साल से इंडिया में ही रह रहे हैं। इतना ही नहीं, वे कनाडा के साथ-साथ इंडिया में भी टैक्स दे रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

ऐसे हुई नरेश कौशल के साथ धोखाधड़ी

नरेश कौशल ने बताया कि वे 2005 में कनाडा गए थे। जाने से पहले उन्होंने हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा) में 5-6 प्लॉट्स के लिए अप्लाई किया था। एक साल बाद 2006 में पंचकूला मनसा देवी कॉम्प्लेक्स (एमडीसी) सेक्टर-6 में उनका 350 गज का एक प्लॉट निकल गया। इस प्लॉट में उन्होंने अपने पिता को 50 परसेंट का हिस्सेदार बनाया हुआ था। 2008 में वे कनाडा से इंडिया आए और अपनी मां के नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी कर दी।लेकिन उसमें प्रॉपर्टी को बेचने के अधिकार नहीं थे।उनके पिता और बहनों ने मिलकर पहले तो प्रॉपर्टी का पूरा शेयर पिता के नाम किया और फिर उसे आगे किसी को करोड़ों रुपए में बेच दिया। ये प्लॉट उन्होंने 2009 में ही बेच दिया था। जबकि उन्हें 10 साल तक तो इस बारे में खबर भी नहीं लगी।

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