चंडीगढ़ में एग्जाम प्रक्रिया शुरू, शिक्षा विभाग के बड़े स्तर पर ट्रांसफर करने से टीचर्स और स्टूडेंट्स परेशान

चंडीगढ़ में 15 मार्च से नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के आफलाइन एग्जाम शुरू हो गए है। वहीं शिक्षा विभाग ने 15 मार्च को ही करीब 25 टीजीटी और पीजीटी टीचर्स का ट्रांसफर किया है। इस ट्रांसफर से टीचर्स व स्टूडेंट्स दोनों परेशान है।

By Rohit KumarEdited By: Publish:Tue, 16 Mar 2021 12:36 PM (IST) Updated:Tue, 16 Mar 2021 12:36 PM (IST)
चंडीगढ़ में एग्जाम प्रक्रिया शुरू, शिक्षा विभाग के बड़े स्तर पर ट्रांसफर करने से टीचर्स और स्टूडेंट्स परेशान
चंडीगढ़ में 15 मार्च से नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के आफलाइन एग्जाम शुरू हो गए है।

चंडीगढ़, सुमेश ठाकुर। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के पास 115 सरकारी स्कूल है, जिसमें वर्तमान समय में करीब 3200 टीचर्स सेवाएं दे रहे है। सैकड़ों टीचर्स ऐसे है जो कि एक से दूसरे स्कूल जाने के लिए तत्पर रहते है। एक से दूसरे स्कूल में ट्रांसफर का कारण भले कोई भी हो, लेकिन 15 मार्च को की गई चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की ट्रांसफर टीचर्स के लिए परेशानी बन गई है। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने 15 मार्च को करीब 25 टीजीटी और पीजीटी टीचर्स का ट्रांसफर किया। इस ट्रांसफर से जहां पर टीचर्स परेशान है। वहीं स्कूल प्रिंसिपल और हैडमास्टर सहित स्टूडेंट्स भी परेशान है। 15 मार्च से ही नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के आफलाइन एग्जाम शुरू हुए है, वहीं दसवीं और बारहवीं बोर्ड कक्षाओं के एग्जाम चार मई से शुरू हो रहे है। 

स्टूडेंट्स को परेशानी-

शिक्षा विभाग की ओर से ट्रांसफर करने से सबसे पहली परेशानी स्टूडेंट्स को आ रही है। कोरोना महामारी के चलते आठ से 10 महीनों तक स्टूडेंट्स स्कूल नहीं आए है। स्टूडेेंट्स की पढ़ाई आनलाइन हुई है। कोरोना की रफ्तार जैसे ही कम हुई तो स्कूल खुले, ऐसे में स्टूडेंट्स अब स्कूल आकर साल भर के डाउट क्लीयर करना चाहते है लेकिन उनके स्कूल पहुंचने से पहले ही आनलाइन पढ़ाई कराने वाला टीचर किसी दूसरे स्कूल में जा चुका है।

वहीं जिस स्कूल में टीचर्स गए है वहां के स्टूडेंट्स के लिए भी परेशानी है क्योंकि पूरा साल तो स्टूडेंट्स ने किसी दूसरे टीचर से आनलाइन पढ़ाई की। इस समय यदि स्कूल में स्टूडेंट्स आते है तो उन्हें नया टीचर मिलेगा जिसके पढ़ाई के तरीके से समझकर डाउट क्लीयर करना स्टूडेंट्स के लिए परेशानी है। 

कैसे देंगे बेहतर परिणाम-

जहां पर टीचर्स की ट्रांसफर से स्टूडेंट्स परेशान है तो वहीं दूसरी तरफ टीचर्स के लिए भी बड़ी चुनौती सामने आ रही है। टीचर ने दस महीने तक जिस स्कूल में पढ़ाई कराई, सत्र 2020-2021 का आने वाला परिणाम उनके नाम का नहीं होगा, बल्कि जिस स्कूल में अब ज्वाइनिंग करेंगे, वहां का परिणाम जुड़ेगा जहां टीचर्स ने कभी पढ़ाया ही नहीं होगा। नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के एग्जाम शुरू होने के समय और बोर्ड एग्जाम से 45 दिन पहले ज्वाइन किए स्कूल के स्टूडेंट्स का परिणाम टीचर्स कैसे बेहतर देंगे यह उनके लिए भी परेशानी है।

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