दशक बाद भी जमींदारों को नहीं मिल रहा लैंड पूलिग लाभ
मोहाली के सात गांवों के जमींदारों को दशक के बाद भी ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) लैंड पूलिग योजना का लाभ नहीं दे सका है।
जागरण संवाददाता, मोहाली : मोहाली के सात गांवों के जमींदारों को दशक के बाद भी ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) लैंड पूलिग योजना का लाभ नहीं दे सका है। योजना के तहत गांवों के 200 जमींदारों को शोरूम मिलने हैं। मोहाली में 1,722 एकड़ में फैले आइटी सिटी जिसमें सेक्टर 66बी, 82ए, सेक्टर 83ए और 101ए आते हैं, को बसाने के लिए इन जमींदारों ने जमीन दी है। आइटी सिटी में गमाडा ने जो रिहायशी व कामर्शियल प्लाट काटे हैं उनके मालिकों को कब्जा मिल चुका है। जिन जमींदारों की जमीन पर आइटी सिटी बसाई गई है वे योजनाओं को लाभ लेने के लिए अभी भी भटक रहे हैं। ध्यान रहे कि लैंड पूलिग योजना के तहत मालिकों को उनकी भूमि के बदले रिहायशी या कार्मिशयल प्लांट दिए जाने हैं। शोरूम का साइज 100 वर्ग गज है। गमाडा ने 2019 में आइटी सिटी में रिहायशी प्लांटों का कब्जा मालिकों को दे दिया था। बकरपुर गांव के जमींदार लखविदर सिंह ने बताया कि दशक पहले जमीन का अधिग्रहण किया था। लैंड पूलिग स्कीम का लाभ लेने के लिए गमाडा अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक गए, लेकिन शोरूम का कब्जा नहीं दिया गया है। गांव छज्जू माजरा का राजविदर, लक्खन सिंह ने बताया कि अप्रैल में कब्जा देने की बात कही गई थी, लेकिन कोरोना महामारी से कुछ नहीं मिला। अब गमाडा से फिर से जल्द ही इस मामले में एक्शन लेने को कहा गया है। ध्यान रहे कि गमाडा की आइटी सिटी में पहली आवास योजना फरवरी 2014 में शुरू की गई थी, जिसमें 325 रिहायशी प्लाट 23,500 प्रति वर्ग गज की दर से आवंटित किए गए थे। दूसरी योजना जुलाई 2016 में शुरू की गई थी, जिसमें 750 प्लाट 20,000 प्रति वर्ग गज की दर से आवंटित किए गए थे। आखिरी योजना अप्रैल 2018 में शुरू की गई थी। गमाडा अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही लैंड पूलिग योजना के लाभार्थियों को योजना का लाभ दे दिया जाएगा।