रिश्वत मामले में EPFO इंफोर्समेंट ऑफिसर मनमोहन गिलहोत्रा को 4 साल कैद, 50000 रुपये जुर्माना
सीबीआइ ने 5 साल पहले एक प्राइवेट कंपनी के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर की शिकायत पर यह केस दर्ज किया था। शिकायत में उन्होंने बताया था कि मनमोहन उनकी कंपनी पर ईपीएफओ की गड़बड़ी की शिकायत पर रेड करने की धमकियां दे रहा था।
चंडीगढ़, जेएनएन। एंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन( ईपीएफओ) के इंफोर्समेंट ऑफिसर मनमोहन गिलहोत्रा को जिला अदालत ने बीते शुक्रवार को दोषी बनाया था, जिसके बाद सजा का फैसला सोमवार तक टाल दिया गया था। साेमवार को आरोपित मनमोहन को रिश्वत कांड में चार साल की कैद की सजा सुनाई है। सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने सजा पर फैसला लेते हुए मनमोहन को 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने आरोपित मनमाेहन को सजा देने में ज्यादा देर नहीं लगाई। कोर्ट खुलने के साथ ही मात्र दो मिनट के अंदर मनमोहन को रिश्वत लेने के मामले में 4 वर्ष की सजा सुनाई। आरोपित को 6 साल पहले सीबीआइ ने 15000 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।
यह था मामला....
सीबीआइ ने 5 साल पहले एक प्राइवेट कंपनी के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर की शिकायत पर यह केस दर्ज किया था। शिकायत में उन्होंने बताया था कि मनमोहन उनकी कंपनी पर ईपीएफओ की गड़बड़ी की शिकायत पर रेड करने की धमकियां दे रहा था। मनमोहन ने कुछ डाक्यूमेंट्स के साथ उन्हें ऑफिस में बुलाया था और वह मामला सेटल करने के लिए 15000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था। जिसके बाद कंपनी के सीईओ ने मनमोहन के खिलाफ सीबीआइ को शिकायत दी। सीबीआइ ने मनमोहन को पकड़ने के लिए ट्रैप लगाया था।