एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी संभालेगी शहर में बिजली सप्लाई का काम

शहर में पावर प्राइवेटाइजेशन के लिए टेक्निकल बिड में योग्य रही सात कंपनियों की फाइनेंशियल बिड बुधवार को खोली गई। इसमें कोलकाता की एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लि. ने सबसे अधिक 871 करोड़ रुपये की बिड दी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 10:24 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 10:24 PM (IST)
एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी संभालेगी शहर में बिजली सप्लाई का काम
एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी संभालेगी शहर में बिजली सप्लाई का काम

जासं, चंडीगढ़ : शहर में पावर प्राइवेटाइजेशन के लिए टेक्निकल बिड में योग्य रही सात कंपनियों की फाइनेंशियल बिड बुधवार को खोली गई। इसमें कोलकाता की एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लि. ने सबसे अधिक 871 करोड़ रुपये की बिड दी। इसके बाद टोरेंट पावर लि. ने करीब 606 करोड़ रुपये की बिड दी थी। फाइनेंशियल बिड खोलने के बाद अब प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से फाइनल अप्रूवल ली जाएगी। इसके बाद कंपनी आधिकारिक लेटर जारी किया जाएगा। प्रशासक की मंजूरी मिलने के बाद एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी कंपनी चंडीगढ़ में पावर प्राइवेटाइजेशन का काम संभालेगी। पावर प्राइवेटाइजेशन प्रोजेक्ट के लिए यूटी इंजीनियरिग डिपार्टमेंट रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में 175 करोड़ का रेट रखा था। इस रिजर्व प्राइज से ऊपर ही कंपनियों को अपनी बिड सब्मिट करानी थी। एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी ने चार गुणा से भी अधिक रेट बिड में सब्मिट किया। जो सभी कंपनियों से कहीं ज्यादा निकला। इंजीनियरिग डिपार्टमेंट के अनुमान से चार गुणा रेवेन्यू प्रशासन को मिलेगा। कंपनी सभी एसेट्स को लेगी कब्जे में

प्रशासक की मंजूरी के बाद इंजीनियरिग डिपार्टमेंट फाइनेंशियल बिड में हाइएस्ट बिड कोट करने वाली एमिनेंट कंपनी को लेटर जारी करेगा। यह कंपनी इसके बाद पावर डिपार्टमेंट की सभी एसेट्स को अपने कब्जे में लेगी। इसमें सभी पावर सब स्टेशन और दूसरा इंफ्रास्ट्रक्चर और सामान शामिल है। इसके बाद कंपनी ही शहर में पावर डिस्ट्रीब्यूशन, मेंटेनेंस संबंधी सभी काम देखेगी। यही कंपनी बिजली के बिल भी जमा करेगी। रेट भी कंपनी ही तय करेगी। प्राइवेट कंपनी में शिफ्ट होंगे कर्मचारी

डिपार्टमेंट के इंप्लाइज को प्राइवेट कंपनी में शिफ्ट किया जाएगा। प्रशासन एक ट्रस्ट का गठन करेगा। प्राइवेट कंपनी में शिफ्ट होने वाले सभी गवर्नमेंट इंप्लाइज के पेंशन संबंधी दायित्व यही ट्रस्ट देखेगी। कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखने के लिए यही ट्रस्ट काम करेगा। टेक्निकल से लेकर अन्य स्टाफ को कंपनी में शिफ्ट किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने हटाई थी रोक

यूटी पावरमैन यूनियन शुरू से ही प्राइवेटाइजेशन का विरोध करती रही है। हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी। मगर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की लगी रोक हटा दी। उसके बाद ही प्रशासन ने प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया। ऑफिसर दिन रात कागजी कार्रवाई करने में जुटे थे। सबसे आखिर में बिड फार्म भरने वाली कंपनी है एमिनेंट

रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी करने के बाद 19 प्राइवेट कंपनियों ने बिड फार्म खरीदे थे। इस फार्म की कीमत 5.90 लाख रुपये रखी गई थी। पहले छह कंपनियों ने ही फार्म भरा था। इसके बाद दोबारा टाइम बढ़ाने पर एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी कंपनी ने बिड सब्मिट की। कंपनियों द्वारा बिड में सब्मिट की गई राशि करोड़ में

- एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी 871

- टोरेंट पावर लि. 606

- एनटीपीसी इलेक्ट्रिक सप्लाई लि. 563

- टाटा पावर कंपनी लिमिटेड 426

- अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड 471

- रिन्यू पावर 551.5

- स्टरलाइट पावर लि. 201 हड़ताल करेंगे बिजली कर्मी

जासं, चंडीगढ़ : यूटी पावर मैन यूनियन ने प्राइवेटाइजेशन के इस टेंडर को गैरकानूनी बताया है। आरोप लगाया कि हड़बड़ी में प्रशासन ने फाइनेंशियल बिड खोल दी। कर्मचारी विरोधी फैसले के खिलाफ कर्मचारियों ने बुधवार को काम बंद कर सभी दफ्तरों के सामने रोष प्रदर्शन कर नारे लगाए। यूनियन नौ अगस्त तक लगातार रोष प्रदर्शन जारी रखने का फैसला लिया। उन्होंने 10 अगस्त से हड़ताल का ऐलान किया। यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह और महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने सस्ती बिजली देकर भी मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग का निजीकरण करने के लिए केंद्र सरकार और यूटी प्रशासन की निदा की।

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