सावधान... जुलाई से चंडीगढ़ में चरमराएगी बिजली सप्लाई, 436 कर्मचारियों की होगी परमानेंट छुट्टी

संयुक्त सचिव अमरीक सिंह ने कहा कि विभाग में 1780 संशोधित पद हैं। पिछले 2-3 वर्षों से इन्हें नहीं भरा जा रहा। यहां तक कि अब प्रमोशन देना भी बंद कर दिया है। जिस कारण नियमित कर्मचारी घटकर केवल 625 रह गए हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 11:28 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 11:28 AM (IST)
सावधान... जुलाई से चंडीगढ़ में चरमराएगी बिजली सप्लाई, 436 कर्मचारियों की होगी परमानेंट छुट्टी
बिजली कर्मचारी विभाग के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर की बिजली सप्लाई (Electricity Supply) व्यवस्था पूरी तरह से चरमराने वाली है। लोगों को सर्विस डिलिवरी का इंतजार और बढ़ेगा। पहले ही स्टाफ की कमी से जूझ रहा विभाग अब मुश्किल में घिरने वाला है। चंडीगढ़ बिजली विभाग (Chandigarh Electricity Department)के 436 कर्मचारियों की पहली जुलाई से परमानेंट छुट्टी होने वाली है। यह सभी सर्विस से बाहर हो जाएंगे।

यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह और महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने कहा कि आउटसोर्स पर रखे गए ड्राइवर, एलडीसी, सहायक लाइनमैन और लाइनमैन का टेंडर बढ़ाया नहीं गया है। नया टेंडर नहीं लगने से इन कर्मचारियों की सर्विस समाप्त हो जाएगी।

संयुक्त सचिव अमरीक सिंह ने कहा कि विभाग में 1780 संशोधित पद हैं। पिछले 2-3 वर्षों से इन्हें नहीं भरा जा रहा। यहां तक कि अब प्रमोशन देना भी बंद कर दिया है। जिस कारण नियमित कर्मचारी घटकर केवल 625 रह गए हैं। काम चलाने के लिए चार साल पहले संशोधित पदों पर 250 सहायक लाइनमैन, 30 लाइनमैन, 50 क्लर्क बकायदा टेस्ट लेकर रखे थे। उसी तरह 41 ड्राइवर रखे थे। लेकिन अब जानबूझकर इनके टेंडर न लगाकर व समय न बढ़ाकर इस गर्मी में समूचा सिस्टम खत्म कर जनता को परेशानी में डाला जा रहा है।

गुरमीत सिंह ने कहा इससे जनता में विभाग की छवि खराब करने की साजिश है। निजीकरण करने में आसानी हो सके। 24 जून को बिजली दफ्तर सेक्टर-19 में प्रदर्शन का आह्वान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार व प्रशासन एक साजिश के तहत विभाग को बदनाम कर खत्म करना चाहते हैं। बिजली कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। विभाग कई सालों से सस्ती व निर्विघ्न बिजली देने के बावजूद मुनाफा कमा रहा है। लाइन लाॅस 10 प्रतिशतत से कम है। बिजली की दरें इस साल और घटी हैं। लेकिन प्रशासन को यह बात हजम नहीं हो रही है। इसलिए इसके विपरीत न कर्मचारी भर्ती किए जा रहे हैं न सामान का इंतजाम किया जा रहा है। गोपाल जोशी ने कहा कि सुरक्षा उपकरण भी नहीं दिए जा रहे हैं। प्रशासन केवल निजीकरण की प्रक्रिया में व्यस्त है। पूरा सिस्टम इसी में लगा है।

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