10 फरवरी को चंडीगढ़ में गहरा सकता है बिजली संकट, विभाग के कर्मचारियों ने दी चेतावनी
चंडीगढ़ में बिजली की समस्या लोगों को परेशान कर सकती है। आने वाली 10 फरवरी को शहर में बिजली का संकट पैदान होने के आसार बन रहे हैं। क्योंकि बिजली विभाग के कर्मचारियों ने चंडीगढ़ प्रशासन को चेतावनी दी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। सिटी ब्यूटीफुल में आने वाली 10 फरवरी को बिजली संकट गहरा सकता है। क्योंकि चंडीगढ़ बिजली विभाग के कर्मचारियों ने 10 फरवरी को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी है। बिजली कर्मी हड़ताल पर जाते हैं तो शहर की पावर सप्लाई ठप हो सकती है। पहले भी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से आधे शहर की पावर सप्लाई कई घंटों के ठप हो गई थी।
इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के निजीकरण का काम प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद तेज कर दिया है। कर्मचारी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। इसी विरोध में यह हड़ताल भी की जा रही है। परेशानी इस बात की है कि चंडीगढ़ में पावर सप्लाई से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर काफी पुराना है। कई सब स्टेशन का लाइफ स्पैम खत्म हो चुका है। इन्हें रेगुलर मेंटेनेंस की जरूरत रहती है। ऐसे में इंप्लाइज की हड़ताल से बिजली व्यवस्था चरमरा सकती है। यूटी पावरमैन यूनियन के जनरल सेक्रेटरी गोपाल दत्त जोशी ने कहा कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगे नहीं मानी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जाने से पीछे नहीं हटेंगे।
बिजली कर्मचारियों की मीटिंग इलेक्ट्रिकल स्टोर सेक्टर-25 में हुई। मीटिंग में कोऑर्डिनेशन कमेटी आफ गवर्नमेंट एंड एमसी इंप्लाइज एंड वर्कर्ज यूटी चंडीगढ़ के आह्वान पर 10 फरवरी को होने वाली यूटी इंप्लाइज की हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया। मीटिंग को संबोधित करते हुए इलेक्ट्रिकल वर्कमैन यूनियन के प्रधान किशोरी लाल और चेयरमैन वरिंदर बिष्ट ने मांग करते हुए कहा कि इलेक्ट्रिकल सर्किल के अंतर्गत काम कर रहे आउटसोर्सिंग वर्करों की सैलरी अभी तक नहीं मिली। सैलरी रिलीज करने के एवज में पैसे मांगे जा रहे हैं। ठेकेदार उनका पीएफ भी जमा नहीं करवा रहे।
उन्होंने मांग करते हुए कि ठेकेदारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाए। 10 फरवरी की हड़ताल में बिजली कर्मी भी शामिल होंगे। मीटिंग को संबोधित करते हुए कोआर्डिनेशन कमेटी के जनरल सेक्रेटरी राकेश कुमार और प्रधान सतिंदर सिंह ने कहा कि जेम पोर्टल के ठेकेदार आउटसोर्सिंग वर्करों का लगातार आर्थिक शोषण कर रहे हैं। कोई लेबर कानून लागू नहीं किया जा रहा, वेतन से गैर कानूनी कटौती की जा रही है, उस पर डीसी रेट भी नहीं बढ़ाए जा रहे, प्रशासन फिर भी आंखे बंद करके बैठा है।
उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों पर गंभीरता नहीं दिखाई। कोऑर्डिनेशन कमेटी 10 फरवरी को संपूर्ण हड़ताल करने को मजबूर होगी। जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। उन्होंने मुलाजिमों से जुड़ी इन मांगों पर प्रशासक की दखल की मांग भी की। मीटिंग को राजिंदर कुमार जनरल सेक्रेटरी और एडवाइजर हरप्रीत सिंह पैक इंप्लाइज यूनियन, अवतार सिंह और लखबीर सिंह ने भी संबोधित किया।