चंडीगढ़ की सड़कों पर दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें, बस में कंडक्टर CTU का, ड्राइवर को कंपनी से किया जाएगा हायर

40 बसों की डिलिवरी सुनिश्चित होने के बाद ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने 40 अन्य बसों को हायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह बसें भी रेवेन्यू शेयर बेस पर ही चलाई जाएंगी। सीटीयू ने सभी ऑर्डिनरी बसों को इलेक्ट्रिक से रिप्लेस करने का प्लान तैयार कर रखा है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 02:58 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 02:58 PM (IST)
चंडीगढ़ की सड़कों पर दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें, बस में कंडक्टर CTU का, ड्राइवर को कंपनी से किया जाएगा हायर
सीटीयू ने 40 अन्य बसों को हायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। अपनी खरीदने में काफी महंगी पड़ रही इलेक्ट्रिक बसों को चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) रेवेन्यू शेयरिंग बेस पर चलाने जा रहा है। यह बसें यूटी प्रशासन किलोमीटर स्कीम के तहत अशोक लेलैंड से एग्रीमेंट कर चला रहा है। यह एग्रीमेंट दस साल के लिए किया गया है। रेवेन्यू शेयरिंग बेस पर बसें चलेंगी। बस के अंदर कंडक्टर सीटीयू का होगा जबकि ड्राइवर अशोक लेलैंड कंपनी का होगा। टिकट से मिलना वाला रेवेन्यू सीटीयू का होगा। बदले में सीटीयू कंपनी को फिक्स्ड 60 रुपये प्रति किलोमीटर देगा।

एग्रीमेंट के अनुसार सभी मेंटेनेंस खर्च, बस चार्जिंग स्टेशन, सस्पेंशन, एचवीएसी सिस्टम, सभी तरह की रिपयेर दस साल तक कंपनी ही करेगी। कंपनी चार्जिंग स्टेशन खुद सेटअप करेगी। सीटीयू को चाहे प्रति किलोमीटर फायदा हो या नुकसान उसे अशोक लेलैंड को इसके लिए 60 रुपये प्रतिकिलोमीटर चुकाने होंगे। पहले कई कंपनियों ने टेंडर में हिस्सा लिया लेकिन उन्होंने रेट ज्यादा कोट किए। अशोक लेलैंड के रेट सबसे कम रहे। इसलिए एग्रीमेंट इसी कंपनी के साथ किया गया। 15 से यह बसें चंडीगढ़ में चलने लगेंगी। इससे पहले कंपनी इनका चार्जिंग संबंधी सेटअप करेगी।

दूसरी बसें भी इलेक्ट्रिक से होंगी रिप्लेस

40 बसों की डिलिवरी सुनिश्चित होने के बाद ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने 40 अन्य बसों को हायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह बसें भी रेवेन्यू शेयर बेस पर ही चलाई जाएंगी। सीटीयू ने सभी ऑर्डिनरी बसों को इलेक्ट्रिक से रिप्लेस करने का प्लान तैयार कर रखा है। अभी सीटीयू के पास 514 बस हैं। इनमें से 361 बस लोकल रूट पर चलती हैं। 153 बसें इंटर स्टेट लंबे रूट पर दौड़ती हैं।

ऐसे शुरू हुआ सफर

वर्ष 2016 में प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 20 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उस समय इन बसों की कीमत करीब 32 करोड़ रुपये बन रही थी। इसके बाद यूटी प्रशासन ने केंद्र सरकार से फाइनेंशियल मदद मांगी। लेकिन केंद्र सरकार ने यूटी प्रशासन के प्रस्ताव को मना कर दिया। वर्ष 2017 में मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज ने 40 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने के प्रस्ताव को अस्विकार कर दिया। जनवरी 2019 में 40 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन कोरोना महामारी के बाद खर्च को देखते हुए इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद यूटी प्रशासन ने रेवेन्यू शेयरिंग बेस पर बस चलाने का निर्णय लिया।

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