वीआइपी एन्क्लेव-1 में डेंगू से बुजुर्ग की मौत, सोसायटी के लोग मच्छरों व गंदे पानी से परेशान

जीरकपुर शहर में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Nov 2021 11:57 PM (IST) Updated:Sun, 07 Nov 2021 11:57 PM (IST)
वीआइपी एन्क्लेव-1 में डेंगू से बुजुर्ग की मौत, सोसायटी के लोग मच्छरों व गंदे पानी से परेशान
वीआइपी एन्क्लेव-1 में डेंगू से बुजुर्ग की मौत, सोसायटी के लोग मच्छरों व गंदे पानी से परेशान

संवाद सहयोगी, जीरकपुर : जीरकपुर शहर में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। डेंगू के केस घटने के बजाय लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों एवं नर्सिग होम में डेंगू व बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू से अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन ढकौली अस्पताल से मिले हैरानीजनक जवाब से जीरकपुर क्षेत्र में अब तक सिर्फ दो मरीजों की मौत बताई जा रही है। हालांकि सरकारी आंकड़े में केवल तीन से चार मौत के माले दर्ज हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी न डेंगू और न ही बुखार के केस सामने आने की बात कह रहे हैं। रविवार को भी वीआइपी एन्क्लेव-1 (वार्ड नंबर-21) में 67 वर्षीय राजकुमार नाम के एक बुजुर्ग की डेंगू से मौत हुई है। छह नवंबर को उन्हें ईलाज के लिए एमकेयर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस सोसायटी में रहने वाले लोगों में शामिल जीएस भट्टी, हरिदेश श्रीवास्तव, परनेश, ओम प्रकाश शर्मा, कर्ण सिंह मलिक, दिनेश कौशिक, अंकित लूथरा ने आरोप लगाया है कि उनकी गली में सीवरलाइन न होने के चलते पानी खड़ा रहता है। जहां रोजाना डेंगू के पैदा हो रहे हैं। सोसायटी रेजिडेंट्स का कहना है कि अब तक उनकी गली में केवल एक बार ही फॉगिग हुई है। नगर काउंसिल अधिकारियों को इस संबंधी बार-बार सूचित किया जा रहा है, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। नतीजा यह निकला कि एक बुजुर्ग की डेंगू के कारण मौत हो गई। लोगों ने कहा कि वह अपने बच्चों को घर से बाहर तक नहीं निकाल रहे। हर समय यही डर बना रहता है कि बच्चों को खेलते समय डेंगू का मच्छर न काट ले। बच्चों का खेलना-कूदना बंद हो गया है। गली की सड़क भी पूरी तरह से टूटी हुई है जहां हर समय पानी खड़ा रहता है। रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य यह मामला कई बार कमेटी प्रधान उदयवीर ढिल्लो व डीसी के समक्ष उठा चुके हैं लेकिन अब तक उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

200 पहुंचा डेंगू मरीजों का आंकड़ा

नोडल आफिसर डा. हरलीन कौर ने बताया कि डेंगू मरीजों का आंकड़ा 200 पहुंच गया है। 20 हजार तक प्लेटलेट्स वाले मरीजों को जीएमसीएच-32 रेफर किया जा रहा है। रविवार सुबह तक ढकौली अस्पताल में 12 डेंगू मरीज भर्ती थे, लेकिन बाद दोपहर पांच मरीजों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। सात मरीजों का ढकौली अस्प्ताल में उपचार चल रहा है। यहां बता दें कि शहर में मच्छरों का जबरदस्त प्रकोप है। शुरुआती उपाय न किए जाने से डेंगू का कहर बढ़ने लगा था। शहर के सबसे बड़े एम केयर अस्पताल में डेंगू संक्रमित चार-पांच मरीज रोजाना भर्ती हो रहे हैं। अमूमन प्राइवेट अस्पतालों में भी बुखार के 10-15 मरीज आ रहे हैं, उनमें कोरोना के संदेह वाले भी हैं। डेंगू की स्क्रीनिंग में रोजाना एक-दो केस निकल रहे हैं।

नर्सिग होम्स में भी भीड़

शहर के बड़े निजी अस्पतालों में बुखार के केस में 15 फीसद डेंगू के केस निकल रहे हैं। नर्सिग होम एवं निजी अस्पतालों के 15 फीसद बेड डेंगू के मरीजों से भरे हुए हैं। स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों के खौफ की वजह से संचालक मुंह खोलने से परहेज कर रहे हैं।

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