गर्मी का गेहूं की फसल पर पड़ रहा असर, पंजाब में चार क्विंटल प्रति एकड़ तक गिर रही पैदावार

पंजाब में गेहूं की फसल पर भी गर्मी का असर हो रहा है। तापमान बढ़ने का गेहूंं की पैदावार पर असर हो रहा है। राज्‍य में तापमान में वृद्धि के कारण गेहूं की पैदावार में प्रति एकड़ चार क्विंटल की कमी हो रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 12 Apr 2022 12:51 PM (IST) Updated:Tue, 12 Apr 2022 12:51 PM (IST)
गर्मी का गेहूं की फसल पर पड़ रहा असर, पंजाब में चार क्विंटल प्रति एकड़ तक गिर रही पैदावार
पंजाब में गर्मी बढ़ने के कारण गेहूं की पैदावार घटी है। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब में गर्मी का असर गेहूं की फसल पर भी हो रहा है। राज्‍य में तापमान में वृद्धि के साथ ही गेहूं की पैदावार भी प्रभावित हो रही है। पिछले 15 दिनों से तापमान में लगातार वृद्धि के कारण गेहूं के दाने सिकुड़ रहे हैं। इस कारण गेहूंंकी पैदावार कम होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। जिन किसानों ने गेहूं की कटाई कर ली है, उनका कहना है कि गेहूं की प्रति एकड़ चार क्विंटल तक पैदावार कम हो रही है।

14 साल बाद अप्रैल में तापमान चल रहा सामान्य से 11 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा

किसानों के अनुसार इस बार प्रति एकड़ 22 क्विंटल की बजाय 18 क्विंटल ही पैदावार हो रही है। पैदावार की कमी को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय की टीम पंजाब का दौरा कर सकती है। इसकी सूचना पंजाब सरकार को दे दी गई है, लेकिन अभी उनके दौरे की तारीख और एजेंडा नहीं आया है।

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के विज्ञानी डा. केके गिल के अनुसार अप्रैल के पहले दस दिन में इस बार तापमान सामान्य से आठ से 11 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा है। आगामी दिनों में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। अप्रैल महीने में इतना तापमान कभी नहीं हुआ है।

कम पैदावार को लेकर किसानों चिंतित, केंद्रीय टीम कर सकती है दौरा

मौसम विज्ञानियों की मानें तो फरवरी 2008 के बाद यह पहली बार हो रहा है कि गेहूं के सीजन में इतनी गर्मी बढ़ गई है। कृषि विभाग के सूत्रों ने बताया कि 2008 में तेज गर्मी के कारण पंजाब में 30 लाख टन गेहूं की पैदावार कम हुई थी। 14 वर्ष बाद एक फिर ऐसी स्थिति है।

कृषि विभाग के पूर्व कमिश्नर डा. बलविंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि अभी गेहूं की कटाई शुरू हुई है। मंडियों में अभी मात्र सात लाख टन गेहूं ही आई है लेकिन जिस तरह का मौसम का मिजाज बना हुआ है, उसे देखकर लगता है कि गेहूं की पैदावार इस साल कम होगी। पैदावार में कितनी कमी होगी, इसका सही आकलन कटाई होने के बाद ही हो पाएगा। पंजाब में इस साल सरसों का रकबा बढ़ने के कारण भी गेहूं का रकबा घटा है, इसलिए भी पैदावार कम होने के आसार हैं।

मानसा जिले के गांव बब्बनपुर के पूर्व सरपंच अमरीक सिंह ने बताया कि हर साल गेहूं की औसतन पैदावार प्रति एकड़ 22 क्विंटल होती है, लेकिन इस साल यह 18 क्विंटल को पार नहीं कर रही है। मालेरकोटला के जीके सिंह धालीवाल ने बताया कि इस साल तीन से चार ¨क्वटल प्रति एकड़ गेहूं की पैदावार कम हो रही है। इससे किसानों को प्रति एकड़ छह हजार रुपये का नुकसान हो रहा है।

विदेश में बढ़ी मांग के कारण पांच रुपये ज्यादा कीमत पर गेहूं खरीद रही प्राइवेट एजेंसियां

हालांकि दूसरी तरफ गेहूं की कम पैदावार और यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण विदेश में बढ़ी मांग के बीच प्राइवेट व्यापारियों ने खरीद बढ़ा दी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पंजाब में अब तक हुई कुल खरीद 5.50 लाख टन हुई है, जिसमें से 17650 टन प्राइवेट खरीद एजेंसियों ने खरीद की है।

सभी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में पांच रुपये बढ़ाकर खरीद कर ली है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी इसे अच्छा ट्रेंड मानते हैं। उनका कहना है कि जितनी ज्यादा प्राइवेट सेक्टर खरीद करेगा, सरकार पर उतना बोझ कम पड़ेगा।

भाकियू की मांग एमएसपी 3750 रुपये किया जाए

उधर, भाकियू के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पुरानी कीमतों पर निर्धारित किया गया था। उसके बाद से केंद्र सरकार ने डीजल , कीटनाशक दवाओं और रासायनिक खादों की कीमतों में भारी वृद्धि कर दी है, इसलिए एमएसपी भी संशोधित करके 3750 रुपये प्रति क्विंटल की जाए। साथ ही उन्होंने मांग की कि इस साल गर्मी के कारण गेहूं की पैदावार में कमी आ रही है, इसलिए किसानों को बोनस दिया जाए।

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