चंडीगढ़ में सिंदूर खेला के साथ दूर्गा पूजा का समापन, घग्गर नदी में किया विसर्जन, तस्वीरों में देखें लोगों की आस्था

सिंदूर खेला रस्म निभाकर मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन किया गया। सिंदूर खेला और भव्य आरती के साथ दुर्गा पूजा का समापन हुआ। इस दौरान विभिन्न संगठनों ने शोभायात्रा निकालकर मां के जयकारे लगाए। वहीं कई लोग भावुक भी दिखे।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 03:51 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 03:51 PM (IST)
चंडीगढ़ में सिंदूर खेला के साथ दूर्गा पूजा का समापन, घग्गर नदी में किया विसर्जन, तस्वीरों में देखें लोगों की आस्था
सेक्टर-47 स्थित कालीबाड़ी मंदिर में सिंदूर खेला की रस्म निभातीं महिलाएं।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। विजय दशमी के पावन अवसर पर और दुर्गा पूजा के आखिरी दिन शुक्रवार को सेक्टर-35 स्थित बंग भवन में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जन के लिए विदा किया गया। इससे पहले सिंदूर खेला रस्म निभाकर मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन किया गया। सिंदूर खेला और भव्य आरती के साथ दुर्गा पूजा का समापन हुआ। इस दौरान विभिन्न संगठनों ने शोभायात्रा निकालकर मां के जयकारे लगाए। वहीं कई लोग भावुक भी दिखे।

दूर्गा विसर्जन से पहले सुबह 10 बजे से बंगाली समुदाय के लोग भवन में एकत्रित होना शुरू हो गए थे। महिलाओं ने मां दुर्गा को सिंदूर लगाने और मृर्ति विसर्जित करने के साथ ही बंग भवन में मां दुर्गा पूजा का समापन हो गया। बंग भवन में शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने दुर्गा पूजा में बढ़ चढ़कर भाग लिया।

सेक्टर-35 स्थित बंग भवन में दुर्गा पूजा समापन के दौरान पहुंचे श्रद्धालु।

संस्था बंगिया सांस्कृतिक सम्मिलनी की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया था। कोरोना के चलते पिछले दो वर्षों से यहां पर उस तरह से कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो रहा है जिसके लिए बंग भवन जाना जाता है। लेकिन श्रद्धालुओं की इस महामारी के बीच भी मां दुर्गा के प्रति श्रद्धा और आस्था कम नहीं हुई।

सिंदूर खेला के दौरान एक-दूसरे को सिंदूर लगाती महिलाएं।

अनिन्दु दास ने बताया कि दुर्गा पूजा या दुर्गोत्सव, जिसे शरदोत्सव अथवा शारदीय दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है, पिछले कई वर्षों से संस्था द्वारा धूम-धाम से मनाया जाता रहा है, लेकिन पिछले वर्ष महामारी के कारण कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रतीकात्मक तरीके से ही मनाया गया था। इस बार कुछ छूट मिली है, लेकिन फिर भी प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करते हुए ये उत्सव मनाया गया है।

माता दुर्गा पूजा के बाद घग्गर नदी में विसर्जन किया गया।

उन्होंने कहा कि यह पर्व इस साल धूमधाम से मनाया गया और लोगों को कोरोना नियमों का पालन करने का भी अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा को बहुत ही फलदायक माना जाता है।

सेक्टर-47 में दुर्गा पूजा समापन के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

chat bot
आपका साथी