कोरोनाकाल में बढ़ी स्वास्थ्य सेवाओं की मांग, फिर भी कंपनियां चंडीगढ़ में Hospital बनाने को तैयार नहीं

चंडीगढ़ नगर निगम ने नगर निगम ने दो महीने पहले मनीमाजरा में अस्पताल के लिए जमीन बेचने के लिए नीलामी का नोटिस निकाला था। बिड देने वाले कंपनियों को 20 अगस्त तक अपना नाम नगर निगम में रजिटर्ड करवाना था लेकिन कोई भी कंपनी सामने नहीं आई।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 31 Aug 2021 10:47 AM (IST) Updated:Tue, 31 Aug 2021 10:47 AM (IST)
कोरोनाकाल में बढ़ी स्वास्थ्य सेवाओं की मांग, फिर भी कंपनियां चंडीगढ़ में Hospital बनाने को तैयार नहीं
चंडीगढ़ में बड़े अस्पताल की साइट खरीदने के लिए कोई तैयार नहीं है। सांकेतिक चित्र।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर में बनने वाले सबसे बड़े अस्पताल की साइट खरीदने के लिए कोई तैयार नहीं है। ऐसे में नगर निगम एक बार फिर से शर्तों में बदलाव करके नए सिरे से टेंडर लगाएगी। टेंडर लगाने के साथ-साथ बड़ी-बड़ी कंपनियों को पत्र भी लिखा जाएगा। मालूम हो कि इससे पहले दो बार भी टेंडर निकल चुका है, जिसमे कोई भी बिड देने के लिए कंपनी सामने नहीं आई। नगर निगम के अधिकारी भी हैरान है कि कोरोना काल में अस्पताल की मांग सबसे ज्यादा बढ़ी है, इसके बावजूद कोई अस्पताल की साइट लेने के लिए नहीं आया।

नगर निगम ने दो महीने पहले मनीमाजरा में अस्पताल के लिए जमीन बेचने के लिए नीलामी का नोटिस निकाला था। बिड देने वाले कंपनियों को 20 अगस्त तक अपना नाम नगर निगम में रजिटर्ड करवाना था लेकिन कोई भी कंपनी सामने नहीं आई। नगर निगम ने मनीमाजरा में बनने वाले इस सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के लिए जमीन का रिजर्व प्राइस 81.07 करोड़ रुपये तय किया है। नगर निगम को इससे एक अरब से ज्यादा की कमाई होने की उम्मीद थी लेकिन कोई भी बिडर न आने के कारण यह सपना टूट गया। इस समय नगर निगम के पास फंड की भारी कमी थी नगर निगम को उम्मीद थी कि अस्पताल बेचकर जो राशि आएगी उससे शहर के विकास पर खर्च किया जा सकेगा।

नगर निगम ने जिस साइट के लिए नीलामी निकाली है उसमे 300 बेड से ज्यादा का अस्पताल बनेगा।अगर यहां पर अस्पताल बनता है तो यह शहर का पहला सबसे बड़ा निजी अस्पताल होगा।यह जमीन 99 साल की लीज में दी जाएगी। मनीमाजरा के पॉकेट नंबर-1 में अस्पताल की साइट है जो कि प्लाट नंबर-5 है।नगर निगम को उम्मीद थी कि चंडीगढ़ में अस्पताल बनाने के लिए मेदांता, मैक्स और फोर्टिस जैसी कंपनियां भी जमीन के लिए बोली देने आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। साल 2003 में भी नगर निगम ने शहर में अस्पताल की साइट बेचने का प्रयास किया था, लेकिन उस समय जो रिजर्व प्राइस तय किया गया था, वह काफी ज्यादा था। इस कारण बड़ी-बड़ी कंपनियों ने हाथ पीछे खींच लिया था।

चंडीगढ़ में बढ़ी जमीन की कीमत

चंडीगढ़ में कलेक्टर रेट बढ़ने के कारण जमीन की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। इसलिए रिजर्व प्राइस अधिक है।सीएचबी के पास आईटी पार्क स्थित अपनी जमीन पर 8.23 एकड़ की अस्पताल साइट है। इसका रिजर्व प्राइस 308 करोड़ रुपए रखा गया है। यह रिजर्व प्राइज कलेक्टर रेट पर तय की गई है। यह अस्पताल 700 बेड का होना है।दो साल पहले सीएचबी ने इस साइट की नीलामी की कोशिश भी की थी। लेकिन कोई बिड न आने के कारण नीलामी फेल रही।

यह बड़ा कारण है बिड न आने का

नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि कोई भी बिडर लीज होल्ड पर यह साइट नहीं खरीदना चाहता है।जबकि शहर में 99 साल की लीज पर ही प्रापर्टी नीलाम की जाती है। जबकि अस्पताल और अन्य दुकानें खरीदने वाले लोग फ्री होल्ड प्रापर्टी चाहते हैं।ऐसे में अब अस्पताल इस साइट को फ्री होल्ड करने का भी प्रस्ताव तैयार करने का विचार किया जा रहा है। इसी तरह से मनीमाजरा के 20 शोरूम की साइट्स की दो बार नीलामी तय की गई लेकिन कोई बिडर नहीं आया।यह भी लीज होल्ड प्रापर्टी है।ऐसे में इन सभी प्रापर्टी को लीज से फ्री होल्ड करने का प्रस्ताव पास करके नगर निगम प्रशासन को मंजूरी के लिए यह प्रपोजल भेजेगा।

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