लुधियाना जेल के DSP हरजिंदर का मोहाली में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि

वहीं सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि जो भी परिवार की मांगें हैं उन्हें पूरा किया जाएगा। सरकार की ओर से अपनी तरफ से पूरी कोशिश की गई। लेकिन इंफेक्शन बहुत ज्यादा हो गया। ध्यान रहे कि डीएसपी हरजिंदर सिंह लुधियाना सेंट्रल जेल में तैनात थे।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 03:33 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 03:33 PM (IST)
लुधियाना जेल के DSP हरजिंदर का मोहाली में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि
पंजाब पुलिस के डीएसपी हरजिंदर सिंह का मोहाली में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

मोहाली, जेएनएन। पंजाब पुलिस के डीएसपी हरजिंदर सिंह का वीरवार को मोहाली के श्मशानघाट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान पंजाब के सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू , डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, एडीजीपी जेल प्रदीप कुमार सिन्हा, मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू के अलावा पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। हरजिंदर सिंह के बड़े बेटे गुरनूर सिंह ने मुखाअग्नि दी।

इस दौरान हरजिंदर के भाइयों ने कहा कि सिस्टम के काम काज में देरी के कारण उनके भाई की मौत हुई। लेकिन जो उनके भाई के साथ हुआ किसी ओर के साथ न हो। इस दौरान डीएसपी के बेटे को नौकरी देने मां को पेंशन व बाकी सुविधाएं देने की मांग की गई। वहीं डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा कि पूरा विभाग हरजिंदर सिंह के परिवार के साथ है। विभाग की ओर से पूरा सहयोग किया गया। अब परिवार की जिम्मेदारी हमारी है।

वहीं सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि जो भी परिवार की मांगें हैं उन्हें पूरा किया जाएगा। सरकार की ओर से अपनी तरफ से पूरी कोशिश की गई। लेकिन इंफेक्शन बहुत ज्यादा हो गया। ध्यान रहे कि डीएसपी हरजिंदर सिंह लुधियाना सेंट्रल जेल में तैनात थे। वहीं ड्यूटी के दौरान वह कोरोना पॉजिटिव हो गए। 6 अप्रैल को इलाज के लिए उन्हें एसपीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 21 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। उसके बाद भी उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। इसलिए उन्हें आइसीयू में रखा गया। 9 मई तक उन्हें वहीं रखा गया। मगर उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया।

10 मई को डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत में कोई सुधार नहीं है। लंग्स ट्रांसप्लांट कराना होगा जिसका खर्च 80 लाख रुपये के करीब है। हर तरफ से आस छोड़ चुकने के बाद उन्होंने पुलिस विभाग में बात की। अधिकारियों ने उनसे डॉक्टर से लिखवा कर लाने के लिए कहा। डॉक्टर ने लिखकर दे दिया तो अधिकारियों ने उन्हें बताया कि विभाग उनके इलाज के लिए 30 लाख से ज्यादा नहीं दे सकता है। बता दें कि कुछ दिन पहले एक वीडियो में हरजिंदर ने पंजाब सरकार से इलाज में मदद की गुहार लगाई थी।

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