डॉ. अजय शर्मा ने एसडी कॉलेज चंडीगढ़ में संभाला प्रिंसिपल का पदभार, स्टाफ ने किया स्वागत

डॉ. अजय शर्मा गोस्वामी गणेश दत्ता सनातन धर्म कॉलेज सेक्टर-32 में बतौर प्रिंसिपल का सोमवार को कार्यभार संभाल लिया है। उल्लेखनीय है कि डॉ. अजय शर्मा कॉमर्स विषय के विशेषज्ञ हैं और पहले भी इसी कॉलेज में वह लेक्चरर के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 04:19 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 04:19 PM (IST)
डॉ. अजय शर्मा ने एसडी कॉलेज चंडीगढ़ में संभाला प्रिंसिपल का पदभार, स्टाफ ने किया स्वागत
एसडी कॉलेज में नए प्रिंसिपल के तौर पर पदभार संभालते डॉ. अजय शर्मा।

जासं, चंडीगढ़। चंडीगढ़ के सेक्टर-32 स्थित एसडी कॉलेज में डॉ. अजय शर्मा ने सोमवार को बतौर नए प्रिंसिपल का पदभार संभाल लिया है। गोस्वामी गणेश दत्ता सनातन धर्म कॉलेज सोसायटी के प्रेसिडेंट उपकार कृष्ण शर्मा व अन्य सदस्यों कॉलेज के नए प्रिंसिपल अयज शर्मा का स्वागत किया। कॉलेज प्रबंधन के सदस्यों के अलावा शिक्षकों, गैर शैक्षणिक कर्मचारियों, स्टूडेंट्स व एसडी एलुमनी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने डॉ.शर्मा को पदभार संभालने पर शुभकामनाएं दीं।

डॉ. अजय ने वर्ष 2000 में एसडी कॉलेज में कॉमर्स संकाय के लेक्चरर के तौर पर ज्वाइन किया था, जिसके बाद साल 2019 से अब तक श्री अरविंदों कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट लुधियाना में प्रिंसिपल बतौर प्रिंसिपल रहे। डॉ. अजय शर्मा का शानदार अकादमिक करियर रहा है। वह पंडित मदन मोहन मालवीय सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार जैसे कई बड़े विभिन्न राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों के साथ कई किताबें और शोध पत्र लिखे हैं। उनकी स्पेशलाइजेशन जीएसटी, फाइनेंस और टैक्सेशन में है। उनकी हमेशा से एक मददगार सलाहकार और दूरदर्शी प्रशासक की छवि रही है।

डॉ. अयज शर्मा जिबूती गणराज्य के दूतावास के शिक्षा सलाहकार के अलावा यूनिवर्सिटी आफ फ्रेजर वैली (भारत) के असिसटेंट कोआर्डिनेटर, नॉरमैंडी बिजनेस स्कूल (फ्रांस) के साथ स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के समन्वयक भी रहे हैं। एसडी कॉलेज में वह डीन एकेडमिक डेवलपमेंट सैल, डीन कल्चरल एक्टीविटीज, बीबीए कोआर्डिनेटर सहित कई पदों पर काम कर चुके हैं।

डॉ.शर्मा ने कहा कि कॉलेज के प्रिंसिपल के पद पर ज्वाइन करने के बाद उनका फोकस संस्थान को नई ऊंचाइयों तक ले जाने पर रहेगा। उनका पहला लक्ष्य यह सुनिश्चित करना होगा कि महामारी के समय में उच्च शिक्षा का लाभ छात्रों को निर्बाध रूप से दिया जा सके।

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