शक और घरेलू हिंसा से टूट रहे परिवार, तीन साल में 258 मामले आए सामने

पिछले तीन साल में घरेलू हिंसा के मामले काफी बढ़ गए हैं। शक और घरेलू हिंसा के कारण लगातार परिवारों के टूटने के मामले सामने आ रहे हैं।

By Sat PaulEdited By: Publish:Thu, 22 Nov 2018 04:42 PM (IST) Updated:Thu, 22 Nov 2018 04:42 PM (IST)
शक और घरेलू हिंसा से टूट रहे परिवार, तीन साल में 258 मामले आए सामने
शक और घरेलू हिंसा से टूट रहे परिवार, तीन साल में 258 मामले आए सामने

[चंडीगढ़, सुमेश ठाकुर]  शक, घरेलू हिंसा और अहम की लड़ाई के कारण लगातार घर टूट रहे हैं। यह खुलासा महिला एवं बाल विकास हेल्पलाइन 181 पर आने वाली कॉल से हुआ है। हेल्पलाइन की स्थापना जुलाई 2015 से हुई थी। जिसके बाद तीन सालों में घरेलू हिंसा कई केस दर्ज हो चुके हैं। यह घरेलू हिंसा दहेज और रिश्तों में शक के चलते हो रही है। हेल्पलाइन पर तीन साल में सबसे ज्यादा कॉल 258 वैवाहिक संबंधों की आई हैं। जिसमें घरेलू हिंसा के अलावा, हरासमेंट, अवैध प्रेम संबंध, मेंटेनेंस को लेकर है।

इसके अलावा वैवाहिक मामलों में आड़े आ रहा है अहम की लड़ाई। लड़कियां सास-ससुर के साथ रहना नहीं चाहती, क्योंकि उनका खुद का लाइफस्टाइल है, जिसके अनुसार वह जीना चाहती है। ऐसे में उन्हें अकेले रहना है, लेकिन लड़के की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह लड़की को शादी के बाद अकेले रख सके। ऐसे में पारिवारिक लड़ाई बढ़ रही है, जो कि रिश्ता टूटने के बाद ही खत्म हो रही है।

एक साल में महिलाओं से जुड़े आए 797 केस

महिला एवं बाल विकास हेल्पलाइन पर एक साल में कुल 1462 केस हैं, जिसमें 797 केस महिलाओं से जुड़े हैं, जबकि 551 केस बच्चों, 79 केस सीनियर सिटीजन और 35 केस दिव्यांग लोगों के आए हैं। महिलाओं की मुख्य परेशानी दहेज उत्पीडऩ और घरेलू हिंसा है। इसके अलावा हरासमेंट के केस भी महिलाओं से जुड़े हुए आ रहे हैं।

ह्रासमेंट के केसों में भी बढ़ोतरी

वैवाहिक संबंधों में तेजी से हरासमेंट के केसों में भी बढ़ोतरी हो रही है। यह हरासमेंट मुख्य तौर पर 40 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों की हो रही है। जिसमें पुरुष महिला और महिला पुरूष के अधीन नहीं रहना चाहती। जिसके चलते यह एक-दूसरे को परेशान कर रहे हैं। महिला का आरोप है कि पति घर में पैसा नहीं देता, जिसके चलते घर का खर्च नहीं चल रहा। जबकि पति के अनुसार घर में पैसे देता हूं, लेकिन बीबी फिजूल खर्ची करती है।

न्यूक्लीयर परिवार है अहम के कारण

वैवाहिक मामलों की एक्सपर्ट एडवोकेट मनजीत कौर का कहना है कि कहा कि वैवाहिक संबंधों में टकराव का मुख्य कारण अहम है। इस अहम को दबाने की शिक्षा बच्चों को समय पर नहीं मिल रही है। उचित शिक्षा नहीं मिलने का कारण न्यूक्लीयर फैमिली हैं। ज्वाइंट फैमिली में इस प्रकार की परेशानी नहीं आती है। ज्वाइंट फैमिली में बच्चों को सभी के साथ मिलजुल कर रहने की आदत होती है।

हेल्पलाइन कर रही है अपना काम

सोशल वेलफेयर डायरेक्टर नवजोत कौर का कहना है कि हेल्पलाइन अपना काम कर रही है। कॉल अटेंड करने के अलावा हेल्पलाइन की टीमें बनी हुई हैं, जोकि फील्ड में जाकर खुद काउंसलिंग करती है और उन्हें कानूनी सहायता मुहैया भी कराती है। हेल्पलाइन को निर्भया फंड मिलता है, जिसके चलते मुख्य फोकस महिलाओं के केस पर रहता है।

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