रिसर्च स्कॉलर का यौनशोषण करता था पीजीआइ का प्रोफेसर, कार्रवाई को मिली मंजूरी

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने पीजीआइ के माइक्रोबायोलॉजी डिपाटमेंट में कार्यरत प्रो. विक्रम गौतम के खिलाफ यौनशोषण मामले में कार्रवाई को मंजूरी दे दी है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 12:52 PM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 08:47 PM (IST)
रिसर्च स्कॉलर का यौनशोषण करता था पीजीआइ का प्रोफेसर, कार्रवाई को मिली मंजूरी
रिसर्च स्कॉलर का यौनशोषण करता था पीजीआइ का प्रोफेसर, कार्रवाई को मिली मंजूरी

चंडीगढ़ [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआइ) चंडीगढ़ की नई दिल्ली में हुई गवर्निंग बॉडी की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने पीजीआइ के माइक्रोबायोलॉजी डिपाटमेंट में कार्यरत प्रो. विक्रम गौतम के खिलाफ यौनशोषण मामले में कार्रवाई को भी मंजूरी दे दी। सूत्रों के अनुसार कमेटी ने पीजीआइ में ऐसे घटनाक्रम को काफी गंभीर माना है।

गौरतलब है कि एक रिसर्च स्कॉलर ने प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद पीजीआइ ने मामले में कार्रवाई के लिए कमेटी गठित की थी। कमेटी ने प्रो. गौतम को दोषी माना और अपनी रिपोर्ट गवर्निंग बॉडी को भेज दी थी। अब गवर्निंग बॉडी ने यौनशोषण मामले में कार्रवाई को मंजूरी दे दी है।

रिसर्च में धोखाधड़ी पर डॉक्टर की जाएगी नौकरी

मीटिंग में रिसर्च में प्लेगियारिज्म (रिसर्च वर्क चोरी करना) करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का फैसला लिया गया है। ऐसे डॉक्टरों पर दो साल तक रिसर्च करने पर रोक लगाने के अलावा उन्हें नौकरी से हटाया जा सकता है। पीजीआइ गवर्निंग बॉडी के इस फैसले के बाद पीजीआइ में प्लेगियारिज्म के मामले में फंसे डॉक्टर अब मुसीबत में पड़ सकते हैं।

मीटिंग में पीजीआइ से जुड़े कई अहम मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। फैसला लिया गया कि जिन डॉक्टर के खिलाफ रिसर्च में धोखाधड़ी का मामला सही पाया जाएगा उन पर एक से दो साल तक रिसर्च पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाएगी। साथ ही ऐसे डॉक्टर रिसर्च गाइड भी नहीं बन सकेंगे। आरोपित डॉक्टरों को भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा। कमेटी ने आरोपित डॉक्टर के 3 से 4 इंक्रीमेंट रोकने का फैसला लिया है। शोध चोरी का मामला अत्यधिक गंभीर होने पर आरोपित डॉक्टर को नौकरी से भी निकाला जा सकता है।

पीजीआइ फैकल्टी को मिलेंगे 12 नए डॉक्टर

गवर्निंग बॉडी मीटिंग में पीजीआइ में नए डॉक्टर की भर्ती का मामला भी आया। जानकारी अनुसार बैठक में पीजीआइ के लिए 12 नए डॉक्टर की नियुक्ति को स्वीकृति दे दी गई है। गौरतलब है कि पीजीआइ में मरीजों के बढ़ते बोझ और डॉक्टरों की रिटायरमेंट के कारण डॉक्टर की कमी तेजी से बढ़ रही है। पीजीआइ ने कुछ समय पहले 35 फैकल्टी के लिए इंटरव्यू किए थे। जिसमें से कमेटी ने 12 डॉक्टर की नियुक्ति की मंजूरी दी है। कमेटी ने रायबरेली एम्स के लिए भी 4 डॉक्टर की नियुक्ति को मंजूर कर दिया है।

गौरतलब है कि पीजीआइ के लिए गठित कमेटी ही रायबरेली एम्स की जिम्मेदारी संभालती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में गवर्निंग बॉडी के करीब 15 लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें पीजीआइ डायरेक्टर प्रो. जगतराम और यूटी प्रशासक के सलाहकार परिमल राय भी मौजूद थे।

469 करोड़ के जेरिएट्रिक सेंटर प्रोजेक्ट पर होगा मंथन

नई दिल्ली में पीजीआइ गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में पीजीआइ में बनने वाले जेरिआट्रिक सेंटर पर भी विस्तार से चर्चा हुई। यह सेंटर करीब 469 करोड़ की लागत से बनना है। कमेटी ने इस सेंटर के बजट के अलावा इसे शुरू करने से पहले कुछ अन्य सेंटर की स्टडी करने के लिए सिफारिश की है। कमेटी का मानना है कि प्रोजेक्ट के निर्माण राशि का एस्टीमेट अधिक है, जिसमे कम करना होगा ताकि इस सेंटर को देश में मॉडल के तौर पर तैयार किया जा सके। हालांकि पीजीआइ में जेरिएट्रिक सेंटर को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है।

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