मानसिक शांति के लिए रोज करें उद्गीत प्राणायाम, महार्षि पतंजलि ने भी अपने योग सूत्र में बताया है खास महत्व

चंडीगढ़ में सेक्टर-23 गवर्नमेंट योग एजुकेशन एंड हेल्थ कॉलेज के योगाचार्य रोशन लाल बताते हैं कि मन के विचलित होने से हमारी दिमाग की तरंगों पर प्रभाव पड़ता है जब हम उद्गीत प्राणायाम करते हैं तो ओम की तरंगों से दिमाग की तरंगे प्रभावित होती हैं।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 12:31 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 12:31 PM (IST)
मानसिक शांति के लिए रोज करें उद्गीत प्राणायाम, महार्षि पतंजलि ने भी अपने योग सूत्र में बताया है खास महत्व
मानसिक शांति के लिए रोज उद्गीत प्राणायाम करना चाहिए।

चंडीगढ़ [विकास शर्मा]। कोरोना महामारी के दौरान हर जगह से नकारात्कम खबरें देखने को मिल रही हैं। इस मुश्किल समय में खुद को कैसे सकारात्मक बनाए रखें यह बड़ी चुनौती है। सेक्टर -23 गवर्नमेंट योग एजुकेशन एंड हेल्थ कॉलेज के योगाचार्य रोशन लाल बताते हैं कि मन के विचलित होने से हमारी दिमाग की तरंगों (ब्रेन वेव्स) पर प्रभाव पड़ता है, जब हम उद्गीत प्राणायाम (ओम का उच्चारण करते हैं ) करते हैं तो ओम की तरंगों से दिमाग की तरंगे प्रभावित होती हैं और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे हमारा तंत्रिका तंत्र (नवर्स सिस्टम) संतुलित रहता है। आज कोरोना महामारी के दौर में हर कोई डरा हुआ है। महार्षि पंताजलि ने अपने योग सूत्र में बताया है कि उद्गीत प्राणायाम करने से शरीर व मानसिक रोग दूर होते हैं।

उद्गीत प्राणायाम करने की विधि

-उद्गीत प्राणायाम को करने से पहले भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करें ।

-पद्मासन, सुखासन या सिद्धासन मे बैठें ।

-उद्गीत प्राणायाम करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठने से अधिक लाभ मिलते हैं ।

- अपने शरीर को ढीला छोड़ दें, शरीर के किसी भी हिस्से में तनाव नहीं होना चाहिए और अपनी पीठ को सीधा रखें ।

 -दोनों हाथों की तर्जनी और अंगूठे की नोक को जोड़े ।

 -अपनी आंखें बंद करें और ध्यान केंद्रित करें।

 -उद्गीत प्राणायाम शुरू करने से पहले एक सांस लें और छोड़ें।

 - सांस लेते और सांस छोड़ते हुए ओम का उच्चारण करें।

 -ओम की लय के साथ पूरी ध्वनि का जप करें।

 - इस प्रक्रिया को 5-10 बार दोहराएं।

उद्गीत प्राणायाम को करने के दौरान सावधानियां

-इसका अभ्यास खाली पेट या भोजन के 4-5 घंटे बाद करें।

-प्राणायाम को सुबह सूर्योदय से पहले करने की कोशिश करें, ऐसा करने से आपको अधिक लाभ मिलगे ।

-यदि आप व्यायाम के दौरान थकान महसूस करते हैं, तो थोड़ी देर के लिए आराम करें।

-गलत मुद्रा में बैठकर प्राणायाम का अभ्यास न करें।

उद्गीत को करने के लाभ

-अनिद्रा, तनाव, अवसाद, चिंता और सभी प्रकार की मानसिक बीमारियों को स्थायी रूप से दूर किया जा सकता है।

-हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, माइग्रेन के दर्द, मिर्गी आदि में भी लाभकारी है।

-यह एकाग्रता के स्तर को बढ़ाता है, मन को शांत और स्थिर रखता है।

-चेहरे की चमक और आंखों में फायदेमंद है।

-गले से संबंधित सभी प्रकार के रोग दूर होते है।

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