ईद पर न किसी को घर बुलाएं और न नमाज अदा करने मस्जिद जाएं

कुरान में कहा गया है कि जब भी महामारी फैलती है तो पहले इंसानियत को बचाने की कोशिश करें उसके बाद ही आम कर्म और हमारे रीति रिवाज पूरे हो सकते हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 10:52 AM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 10:52 AM (IST)
ईद पर न किसी को घर बुलाएं और न नमाज अदा करने मस्जिद जाएं
ईद पर न किसी को घर बुलाएं और न नमाज अदा करने मस्जिद जाएं

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। इस बार कोरोना संकट के कारण ईद का उल्लास फीका है। महामारी से बचाव के अपनाए जा रहे उपायों के बीच सभी के लिए आपस में फिजिकल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी है। इसीलिए इस बार ईद पर गले मिलने और एक साथ मस्जिद में नमाज पड़ने की परंपरा भी टूटेगी, क्योंकि संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार ऐसा कर पाना संभव नहीं है। शहर के प्रमुख मौलानाओं का भी मानना है कि ऐसा करना अनजाने में महामारी को न्योता देने के बराबर है। 

ईद से पहले शहर के प्रमुख मौलानाओं ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की है कि जिस प्रकार रमजान का महीना प्यार और शांति से मनाया गया। ठीक उसी प्रकार ईद को भी जरूरी एहतियात के साथ मनाएं। ईद की नमाज के लिए कम से कम तीन बालिग अफराद का होना जरूरी है, लेकिन यदि किसी के घर अफराद पूरे न हो पाएं तो बाहर जाने या फिर किसी को घर में बुलाने की कोशिश न करें। बल्कि अल्लाह से इसके लिए माफी मांगें। कुरान में कहा गया है कि जब भी महामारी फैलती है, पहले इंसानियत को बचाने की कोशिश करें। उसके बाद ही हमारे रीति रिवाज पूरे हो सकते हैं। इसलिए घर में रहकर नमाज और नियमों को पूरा कर ईद को सेलिब्रेट करें।

प्रशासन की ओर से तय नियम इंसानियत की बेहतरी के लिए : मौलवी मोहम्मद इमरान

जमीअत उलमा चंडीगढ़ के प्रेसिडेंट मौलवी मोहम्मद इमरान ने कहा है कि प्रशासन द्वारा लगाए गए सारे नियम इंसानियत को बचाने के लिए हैं। इन नियमों के पालन में कोई भी यह महसूस न करे कि धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। मोहाली फेस एक की मस्जिद के मौलाना नदीम अहमद कासमी ने कहा है कि दिल से मिटा कर ईद की पवित्र नमाज अदा करें और अल्लाह से महामारी से मुक्ति दिलाने की अपील करे।

मौलाना अजमल खान।

जरूरतमंदों को बांटें खाना 

खतीब जामा मस्जिद सेक्टर- 20 के मौलाना अजमल खान ने कहा है कि हर साल हम ईदी बच्चों और बेटियों को देते थे, लेकिन इस बार अल्लाह ने इसकी हद बढ़ा दी है। हमें इस बार बच्चों और बेटियों के इलावा इंसानियत के लिए ईदी देनी है।

मौलाना नदीम अहमद कासमी।


महामारी से निजात की करें दुआ 

इमाम मस्जिद धनास के मौलाना शकील अहमद कासमी ने कहा है कि हम सभी ईद पर दुआ करें कि अल्लाह हमें कोरोना वायरस महामारी से निजात दिलाए। पंचकूला सेक्टर 20 की मस्जिद के मौलाना नदीम अहमद कासमी ने कहा है कि हमें भेदभाव को भूलकर अल्लाह से पूरी दुनिया के कोरोना मुक्त होने की दुआ मांगनी चाहिए।

chat bot
आपका साथी