पंजाब में कांग्रेस की बढ़ी 'टेंशन', कैप्टन अमरिंदर व सिद्धू के बीच दूरी तो घटी लेकिन नहीं मिटी तल्खी
Rift in Punjab Congress पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के कार्यभार संभालने के समाराेह में कैप्टन से उनकी दूरी तो कम होती दिखी लेकिन तल्खी कम नहीं हुई। सिद्धू के आक्रामक तेवर आने वाले दिनों में कांग्रेस की टेंशन बढ़ा सकते हैं।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Rift in Punjab Congress : कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजाेत सिंह सिद्धू के बीच जमी बर्फ तो पिघली है और दूरी घटी है, लेकिन तल्खी बरकरार है। 'गुरु' सिद्धू के तीखे तेवर आगे कांग्रेस की 'टेंशन' बढ़ा सकते हैं। आज पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्षाें के कार्यभार संभालने के मौके पर कैप्टन अमरिंदर का रुख तो नरम दिखा, लेकिन सिद्धू ने अपने आक्रामक अंदाज से साफ संकेत दे दिया कि उनका पुराना रुख और तरीका नहीं बदलेगा ।
सिद्धू ने अपने चार कार्यकारी प्रधान कुलजीत नागरा, सुखमिंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और संगत सिंह गिलजियां के साथ अपना कार्यभार संभाल लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू भले ही एक मंच अगल-बगल बैठे है लेकिन दोनों की तल्खी दूर होती नहीं दिखाई दी।
कैप्टन ने तीन बार तो सिद्धू ने एक बार भी नहीं लिया नाम
कैप्टन ने अपने भाषण में तीन बार नवजोत सिद्धू का नाम लिया लेकिन सिद्धू ने एक बार भी कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम नहीं लिया। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में काम बहुत हुए हैं लेकिन लोगों की उम्मीदें बढ़ जाती हैं। इस पर सिद्धू बोले, मसला प्रधानगी का नहीं है। मसला यह है कि किसान दिल्ली में धरना दे रहे हैं, मसला यह है कि ईटीटी टीचर, डाक्टर,बस ड्राइवर कंडक्टर धरना दे रहे हैं। सिद्धू ने अपने अंदाज में कहा, ' मेरे गुरु की बेअदबी हुई है। नशे के मगरमच्छ कहां है, 6.4 फुट का डरौना (नए मकान के आगे टांगा जाने वाला मुखौटा) टांगना पड़ेगा।'
पदभार ग्रहण समारोह के दौरान पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ और नवजोत सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ताबड़तोड़ सियासी तीर चलाए। जाखड़ ने तो यहां तक कह दिया कि जैसे अकाली दल को रैड कारपेट और गुरु के बेअदबी ले डूबी उसी प्रकार कांग्रेस को रेड टेप (ब्यूरोक्रेसी) ले बैठेगी। कैप्टन, जाखड़ और सिद्धू के बीच जमकर राजनीतिक बाण चले। कैप्टन ने तो स्टेज से नवजोत सिंह सिद्धू को सहयोग देने की अपील वर्करों से की। इसके बाद सिद्धू ने कहा, जो सर पर हाथ देकर आशीर्वाद देते हैं वे मेरे सुरक्षा कवच हैं।
इससे पहले सिद्धे सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और हरीश रावत का नाम लिया, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह का एक बार भी नाम नहीं लिया। इसके साथ ही सिद्धू ने घोषणा की, कि 15 अगस्त से उनका बिस्तर कांग्रेस भवन में ही लगेगा। उन्होंने मंत्रियों को कहा कि वे भी तीन घंटे कांग्रेस भवन में बैठा करें। नए प्रधान ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा, ' जीजा-साला (सुखबीर-बिक्रम सिंह मजीठिया) को रहने नहीं देना, कोठी पर तोता बैठने नहीं देना।'
सिद्धू ने 2017 में दिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के स्लोगन ' चाहता है पंजाब', पर तंज कसते हुए कहा, 'पंजाब पूछता है, नशे के मगरमच्छ कहां है, 6.4 फुट का डरौना तो टांगना ही पड़ना है। क्यों 18 रुपये में बिजली खरीदी जाए, बिजली समझौते का सच क्यों नहीं सामने लाया जाए, पंजाब सवाल करता है चोरों की चोरी क्यों न पकड़ी जाए। बेअदबी मामले पर सिद्धू ने कहा जिस दिन मेरे गुरु का इंसाफ होगा उस दिन समझूंगा पंजाब का कार्यकर्ता जिंदा है।'
18 मिनट के अपने भाषण में सिद्धू ने स्टेज पर मौजूद सुनील जाखड़ के अलावा किसी भी नेता का नाम नहीं लिया। एक बार जरूर उन्होंने सीएम साहब कह कर संबोधित किया। अपने भाषण के अंत में सिद्धू ने कहा कि दिल्ली के माडल के परखच्चे उड़ा देंगे अब केवल पंजाब का माडल चलेगा।
इससे पहले उन्होंने किसानों से अपील की कि वह उनसे मिलना चाहते हैं ताकि वह मिल कर समस्या का हल क्या हो सकता है इस पर विचार करें। उन्होंने कहा कि वह ओहदों की परवाह नहीं करते हैं। इससे पहले भी कैबिनेट की कुर्सी छोड़ दी थी। सिद्धू ने कहा यह प्रधानगी पंजाब के किसानों, सड़क पर बैठे ईटीटी टीचरों, धरने पर बैठे डाक्टरों, ड्राइवर व कंडक्टरों के मसलाें को हल करने की उम्मीद है। ये मसले अगर हल होते हैं तो प्रधानगी मेरे लिए तीर्थ होगी। सिद्धू ने कहा, मुझे ज्यादा तो नहीं बोलना था लेकिन जो बोलना था वह विस्फोटक बोलना था।
सियासत में हम दोनों साथ चलेगी : कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि सियासत में वह नवजोत सिंह सिद्धू के साथ चलेंगे। कैप्टन ने कहा कि सिद्धू के पिता भगवंत सिंह से उन्होंने सियासत सीखी है। उस समय सिद्धू छह साल के थे और उछलते-कूदते फिरते थे। इसके साथ ही कैप्टन ने यह भी स्पष्ट किया कि सोनिया गांधी ने उन्हें पहले ही बता दिया था कि वह सिद्धू को प्रधान बना रही है और उन्होंने बाहर आकर कह दिया था कि पार्टी अध्यक्ष जो फैसला करेंगे वह उसका सम्मान करेंगे।
कैप्टन ने कहा कि सरकार ने काम बहुत किए हैं। उन्होंने कोरोना काल में कैबिनेट मंत्री बलबीर सिद्धू और ओपी सोनी ने दिन-रात एक कर दिया। उन्होंने शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला की तरफ इशारा करते हुए कहा, आज पंजाब प्राइमरी एजुकेशन में पूरे देश में नंबर-1 पर है। कृषि क्षेत्र में गेहूं उत्पादन में पंजाब फिर नंबर-1 हो गया है। इस दौरान कैप्टन ने पार्टी कार्यकर्ताओं को कहा कि वह नए प्रधान का पूरा समर्थन करें। कैप्टन ने कहा कि एसएडी पर उन्हें भरोसा नहीं है और आम आदमी पार्टी तो पाकिस्तान के साथ भी गठजोड़ करती रहती है।
कांग्रेस की राह पंजाब से तो पंजाब सरकार की राह कोटकपूरा-बहबलकलां से निकलेगीः जाखड़
कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की राह पंजाब से तो पंजाब सरकार की राह कोटकपूरा और बहबल कलां से होकर निकलेगी। इस मौके पर पेंशन 750 से 1500, महिलाओं को 50 फीसदी रिजर्वेशन, शुगन 51000 46 लाख परिवारों को 5 लाख का स्वास्थ्य कवर दिया गया लेकिन इसकी कोई बात नहीं करता है।
जाखड़ ने कहा, कैप्टन साहब सेना जब युद्ध में जाती है तो उसे हथियार भी चाहिए होते हैं और हौसला भी। हथियार तो आपने दे दिया लेकिन हौसला नहीं मिला। उन्होंने स्वीकार किया कि वह भी वर्करों का हाथ मजबूत नहीं कर पाए। उन्होंने कहा अभी भी छह माह का समय पड़ा हुआ है।
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