ये है चंडीगढ़ का प्रतिष्ठित हॉस्पिटल, हाल जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

GMCH सेक्टर-32 में व्यवस्था के नाम पर खुलेआम लापरवाही बरती जा रही है। इलाज के लिए भर्ती किए जा रहे मरीजों से बेड चार्ज वसूलकर उन्हें स्ट्रेचर पर लिटा दिया जा रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 21 Apr 2019 02:22 PM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 05:01 PM (IST)
ये है चंडीगढ़ का प्रतिष्ठित हॉस्पिटल, हाल जानकर आप भी रह जाएंगे दंग
ये है चंडीगढ़ का प्रतिष्ठित हॉस्पिटल, हाल जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

चंडीगढ़ [वीणा तिवारी]। करियर 360 की ओर से जारी देश के शीर्ष मेडिकल कॉलेजों में इस साल 9वां स्थान पाने वाले गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) सेक्टर-32 में व्यवस्था के नाम पर खुलेआम लापरवाही बरती जा रही है। इलाज के लिए भर्ती किए जा रहे मरीजों से बेड चार्ज वसूलकर उन्हें स्ट्रेचर पर लिटा दिया जा रहा है।

स्थिति इतनी बदतर है कि बेड न मिलने से भर्ती मरीज को चढ़ाए जा रहे फ्लूएड को कुंडी के सहारे लटकाया गया है। अस्पताल प्रशासन इसे मरीजों का दबाव बताकर अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रहा है। कमोबेश यही स्थिति वार्ड के अंदर की भी है। बड़े डॉक्टरों के राउंड के समय तो सबकुछ ठीकठाक रहता है, लेकिन राउंड खत्म होते ही परेशानी होने पर आप डॉक्टर, नर्स व अन्य स्टाफ को ढूंढते रह जाओगे।

बेहतर सुविधाओं के आकलन पर मिला रैंक

चौकाने वाली बात यह है कि करियर 360 में जिन मानकों के आधार पर कॉलेज को 9वां रैंक दिया गया है उसमें एक मानक में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं का आकलन भी है। एक ओर बेहतर स्थिति बताते हुए उसे देश के टॉप टेन मेडिकल कॉलेज में स्थान दिया गया है, वहीं दूसरी ओर वहां की वास्तविक स्थिति इससे ठीक उलट है।

5वें तल पर स्ट्रेचर के मरीजों का बना वार्ड

मानक के अनुसार बेड खाली न होने पर भर्ती मरीज को 24 घंटे के लिए स्ट्रेचर पर रखा जा सकता है, लेकिन यहां तो मामला दूसरा ही है। ए ब्लॉक के 5वें तल पर एक अलग वार्ड बना हुआ है। जहां लगभग 40 से 50 मरीज कई दिनों से स्ट्रेचर पर लेटे हुए हैं। भर्ती मरीज नीलम, अमनदीप, हिमांशु और सिमरन के परिजनों का कहना है कि अगर यहां आने से पहले ऐसी स्थिति का अनुमान होता तो अपने मरीज को लेकर यहां कभी नहीं आते। यहां भर्ती इन मरीजों में से लगभग 60 प्रतिशत 24 से 25 मार्च के बीच भर्ती किए गए हैं।

785 बेड पर 11 सौ से ज्यादा मरीज भर्ती

जीएमसीएच में कुल 785 बेड हैं, लेकिन मौजूदा समय में वहां लगभग 1150 मरीज भर्ती हैं। स्थिति साफ है, बेड के अलावा बाकी बचे मरीजों को स्ट्रेचर ही सहारा दे रहा है। इमरजेंसी में जिस मरीज को जहां जगह मिली वहां उसका इलाज शुरू कर दिया जा रहा है। इमरजेंसी के फस्र्ट फ्लोर पर लिफ्ट के सामने लगभग 20 स्ट्रेचर पर अलग-अलग मर्ज के मरीज भर्ती किए गए हैं।

इस समस्या का समाधान हो जाएगा

जीएमसीएच-32 डायरेक्टर डॉ. बीएस चवन का कहना है कि यहां मरीजों का दबाव इतना ज्यादा है कि उन्हें भर्ती करने के लिए स्ट्रेचर का सहारा लेना पड़ रहा है। हम चाहकर भी किसी मरीज को बिना इलाज के भेज नहीं सकते। बेड की कमी दूर करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है, जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा।

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