कोरोना महामारी सहित स्वास्थ्य समस्याओं के प्रबंधन पर चर्चा
पीजीआइ के सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल ने पांच दिवसीय ऑनलाइन ई-अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन विकास कार्यक्रम (ई-आइपीएचएमडीपी) सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पीजीआइ के सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल ने पांच दिवसीय ऑनलाइन ई-अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन विकास कार्यक्रम (ई-आइपीएचएमडीपी) सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। भारतीय तकनीकी आर्थिक सहयोग, विदेश मंत्रालय और केंद्र सरकार का समर्थित 161 आइटीईसी देशों के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। भारत के इस वैश्विक कार्यक्रम में 25 देशों के 65 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में कोरोना महामारी सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के प्रबंधन में प्रमुख केस प्रथाओं का प्रदर्शन किया गया।
पीजीआइएमईआर के कार्यक्रम निदेशक एवं स्वास्थ्य प्रबंधन के प्रोफेसर डा. सोनू गोयल ने ऑनलाइन शुभारंभ के दौरान कहा कि महामारी के कारण प्रबंधन कार्यक्रम इस बार ऑनलाइन आयोजित किया गया। कार्यक्रम का विषय 2016 में तैयार किया था और इसमें 80 से अधिक देशों के 600 से अधिक प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। भाग लेने वाले देशों में आर्मेनिया, अजरबैजान, बहरीन, बांग्लादेश, भूटान, ईरान, गुयाना, जॉर्डन, केन्या, किगडम ऑफ इस्वातिनी, मालदीव, मॉरीशस, मोरक्को, निकारागुआ, फिलिस्तीन, फिलीपींस, रूस, सेशेल्स, सोमालिया, श्रीलंका, सूरीनाम, थाईलैंड, त्रिनिदाद-टोबैगो, ट्यूनीशिया और वियतनाम प्रमुख थे।
समारोह का मकसद था कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों को दूर करने और संसाधनों की कमी वाली सेटिग्स में संगठनों की दक्षता को मजबूत करने का मध्यम तथा वरिष्ठ स्तर के कार्यक्रम प्रबंधकों के कौशल व दक्षता में बढ़ोतरी की जा सके। पांच-दिवसीय पाठ्यक्रम के दौरान बुनियादी अवधारणाओं, कौशल, पारस्परिक संचार के महत्व, संचार रणनीति की योजना, संचार तथा वकालत में आधुनिक आइटी विषयों पर तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। प्रख्यात वक्ताओं में प्रो. रागनी बग्गा, प्रो. प्रीति जॉन, डा. रवनीत कौर, तथा डा. ओपी कंसल शामिल थे।