चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस में नाम का डिजिटाइजेशन, अभी भी ड्राफ्ट से जमा होती है लीज मनी

चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस रिकॉर्ड को डिजिटल में बदला जा रहा है। एस्टेट ऑफिस में लीज मनी और दूसरे चार्जेस के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) इनवॉयस जारी करने का सिस्टम नहीं है। कुछ कर्मचारी भी नहीं चाहते कि डिजिटाइजेशन। इसकी भी वजह है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 02:50 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 02:50 PM (IST)
चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस में नाम का डिजिटाइजेशन, अभी भी ड्राफ्ट से जमा होती है लीज मनी
चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस में नाम का डिजिटाइजेशन, अभी भी ड्राफ्ट से जमा होती है लीज मनी।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ के एस्टेट ऑफिस का डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। रिकॉर्ड को डिजिटल में बदला जा रहा है। लेकिन इस ऑफिस में कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जो इस डिजिटाइजेशन से खुश नहीं हैं। वह चाहते ही नहीं कि ऑनलाइन मोड को बढ़ावा दिया जाए। मैनुअली ही सब हो तो वह लोगों से संपर्क कर अपनी जेब गर्म कर सकें। इसलिए इससे बचते हैं।

एस्टेट ऑफिस में लीज मनी और दूसरे चार्जेस के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) इनवॉयस जारी करने का सिस्टम नहीं है। जीएसटी रूल्स के तहत यह अलॉटी या प्रॉपर्टी होल्डर से जीएसटी एमाउंट क्लेम करने के लिए अनिवार्य है। जीएसटी रूल्स की इस वायलेशन को एस्टेट ऑफिस और जीएसटी डिपार्टमेंट के संज्ञान में भी लाया गया। लेकिन किसी ने कोई कदम नहीं उठाया। यह मांग चैंबर ऑफ चंडीगढ़ इंडस्ट्रीज ने उठाई है। उन्होंने इसके लिए एडवाइजर और एस्टेट ऑफिस को चिट्ठी लिखी है।

बिल जारी करने की मांग

निर्धारित देय तिथि से पहले एनुअल लीज मनी के लिए एस्टेट ऑफिस को बिल या नोटिस जारी करने की जरूरत है। अभी प्राॅपर्टी होल्डर से एनुअल लीज मनी लेने का प्रावधान नहीं है। उसे एस्टेट ऑफिस विजिट कर इसे खुद जमा कराना होता है। प्रॉपर्टी संबंधी डिटेल एस्टेट ऑफिस के पोर्टल पर डालनी जरूरी है, ताकि प्रॉपर्टी ऑनर्स आसानी से इसे एक्सेस कर सकें।

लीज मनी जमा कराने का ऑनलाइन प्रावधान नहीं

टेक्नोलॉजी और डिजिटल इंडिया के इस दौर में भी लीज मनी डिपोजिट कराने के लिए ऑनलाइन सिस्टम नहीं है। अभी भी प्रॉपर्टी ऑनर को लीज मनी जमा कराने के लिए एस्टेट ऑफिस जाना जरूरी होता है। केवल बैंक ड्राफ्ट के जरिए ही लीज मनी जमा कराई जा सकती है। इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। दो अलग-अलग बैंकों का ड्राफ्ट लीज मनी और जीएसटी जमा कराने के लिए डिपोजिट कराना होता है। यह पुराना सिस्टम है। इसकी जगह ऑनलाइन सिस्टम को शुरू किया जाना चाहिए। एस्टेट ऑफिस जाने की इसके लिए जरूरत नहीं होनी चाहिए।

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"एस्टेट ऑफिस संबंधी कई चीजें हैं जिन्हें सरल करना जरूरी है। इसके लिए वह पहले भी कई बार लिख चुके हैं। अब एडवाइजर ने एक अच्छा कदम ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के लिए उठाया है। वह चाहते हैं कि उनके सुझाव को मानते हुए सिस्टम को असान बनाया जाए।

                                                                   -नवीन मंगलानी, प्रेसिडेंट, चैंबर ऑफ चंडीगढ़ इंडस्ट्रीज।

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