चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल में खुली डिजिटल लाइब्रेरी, 10 से 12 हजार स्टूडेंट्स होगा फायदा

चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल में डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। इसका शुभारंभ चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के सलाहकार मनोज परीदा ने किया। इस डिजिटल लाइब्रेरी से शहर के करीब 10 से 12 हजार विद्यार्थियों को लाभ होगा।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 05:53 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 05:53 PM (IST)
चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल में खुली डिजिटल लाइब्रेरी, 10 से 12 हजार स्टूडेंट्स होगा फायदा
गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसान में डिजिटल लाइब्रेरी का शुभारंभ करते सलाहकार मनोज परीदा।

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। कोरोना महामारी के दौरान जिस समय स्कूल बंद हो गए और स्टूडेंट्स की ऑफलाइन क्लासें बंद हो गई तो स्टूडेंट्स को बेहतर एजुकेशन देने के उद्देश्य से चंडीगढ़ कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन राइट्स (सीसीपीसीआर) ने डिजिटल लाइब्रेरी खोलने की शुरुआत की। उसी श्रेणी में शुक्रवार को कमीशन ने गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसान में शहर की पांचवीं डिजिटल लाइब्रेरी शुरुआत की है। इसका शुभारंभ प्रशासक के सलाहकार मनोज कुमार परीदा ने किया।

चंडीगढ़ कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स अब तक गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल धनास, गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-18, किताब घर सेक्टर-26, गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल सेक्टर-53 और अब करसान के सरकारी स्कूल में डिजिटल लाइब्रेरी खोल चुका है।

क्या है डिजिटल लाइब्रेरी

डिजिटल लाइब्रेरी में स्मार्ट लाइब्रेरी तैयार की गई है। जिसमें कमरे के स्पेस के अनुसार कंप्यूटर रखे जा रहे हैं और उन कंप्यूटर पर पहली से बारहवीं कक्षा की हर पुस्तक जो कि एनसीईआरटी से प्रकाशित है उसे अपलोड किया जा रहा है। स्टूडेंट्स को स्कूल पहुंचने के बाद किसी पुस्तक की जरूरत नहीं होगी। स्टूडेंट्स अपने साथ एक नोटबुक और पेन लेकर आएगा और जिस भी चैप्टर की जो भी जानकारी चाहिए वह कंप्यूटर में बने अलग-अलग फोल्डर में मिलेगी और चैप्टर से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी स्टूडेंट्स वहां पर अपलब्ध मिलेगी। यदि कोई स्टूडेंट्स पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं आ सकता तो टीचर्स उसे फोल्डर का लिंक शेयर कर सकता है जिसके बाद स्टूडेंट्स घर बैठकर भी पढ़ाई कर सकता है।

स्कूल में खुली डिजिटल लाइब्रेरी में पढ़ाई करते विद्यार्थी।

कितना आया खर्च

एक डिजिटल लैब को स्थापित करने के लिए पांच से 12 लाख रुपये का खर्च आ रहा है। कंप्यूटर सिस्टम से लेकर बैंच तक नए स्कूलों में स्थापित किए जा रहे हैं। इसके साथ हर फोल्डर को बनाने के लिए अलग से भुगतान किया जा रहा है।

स्टूडेंट्स शिक्षा से न रहे वंचित

सीसीपीसीआर चैयरपर्सन हरजिंदर कौर ने बताया कि हमारा प्रयास हर स्टूडेंट्स को बेहतर से बेहतर शिक्षा मुहैया कराना है। जिसके लिए हमने प्रयास किया है। चंडीगढ़ प्रशासन और चंडीगढ़ शिक्षा विभाग से उम्मीद है कि वह हमारा सहयाेग करेंगे ताकि स्कूल पहुंचने के साथ जो स्टूडेंट्स स्कूल नहीं आ रहे उन्हें भी बेहतर शिक्षा मुहैया हो सके।

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