किडनी और दिल की सलामती के लिए डायबिटीज को भूलकर भी न करें नजरअंदाज Chandigarh News
डॉ. मित्तल ने नियमित जांच उम्र के अनुसार शारीरिक गतिविधि उचित दवा और जीवनशैली में बदलाव को इस बीमारी के प्रबंधन के लिए सबसे अच्छा कदम बताया।
मोहाली, जेएनएन। रोकथाम सबसे अच्छा इलाज है और अगर आपकी प्रिवेंशन फेल हो गई है तो जागरूक रहना किसी भी बीमारी का प्रबंधन करने का सबसे अच्छा तरीका है। फोर्टिस अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट, एंडोक्रनोलॉजिस्ट डॉ. सचिन मित्तल ने विश्व मधुमेह सप्ताह जागरूकता अभियान के दौरान वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित एक विशेष कार्यशाला में ये बात कही। डॉ. सचिन ने कहा कि डायबिटीज घातक है, इस तथ्य का आधार ये है कि ये एक मूक हत्यारा है।
भारत में तेजी से बढ़ रहे मधुमेह के रोगी
2017 में भारत में लगभग 72 मिलियन लोगों को मधुमेह था और ये संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह से प्रभावित लोगों के लिए मुख्य चिंता का विषय उनके महत्वपूर्ण अंगों जैसे किडनी, हृदय, आंखें आदि पर पडऩे वाला असर है क्योंकि मधुमेह होने से इनके लिए भी जोखिम बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि, मधुमेह की जटिलताएं उम्र में वृद्धि के साथ कई गुना बढ़ जाती हैं। डॉ. मित्तल ने नियमित जांच, उम्र के अनुसार शारीरिक गतिविधि, उचित दवा और जीवनशैली में बदलाव को इस बीमारी के प्रबंधन के लिए सबसे अच्छा कदम बताया।
दिल और फेफड़े के पास ट्यूमर का सफल ऑपरेशन
दिल और फेफड़े के पास ट्यूमर को अल्केमिस्ट अस्पताल पंचकूला में वीडियो असिस्टेड थोरैकोस्कोपिक सर्जरी (वेट्स) का उपयोग करते हुए न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी द्वारा सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। सर्जरी करने वाले कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. कंवरनीत सिंह ने बताया कि 62 वर्षीय मरीज लगभग 40 साल से धूम्रपान कर रहा था। पिछले चार महीने से उसे खांसी और सीने में दर्द की शिकायत थी। जांच के दौरान उनके शरीर में 10 सेंटीमीटर साइज के थोरैसिस न्यूरोजेनिक ट्यूमर के बारे में पता चला, जिसके तुरंत बाद उसका इलाज शुरू किया गया। ट्यूमर फेफड़े और हृदय के करीब दाईं ओर छाती में था।
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