डायबिटीज व हाइपरटेंशन के मरीज रहें खास सतर्क, जानें पंजाब में इन्‍हें कोरोना कैसे बना रहे शिकार

CoronaVirus कोरोना वायरस के संक्रमण में डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए सबसे अधिक खतरा है। पंजाब में कोरोना वायरस की चपेट में आकर मारे गए लोगों में हाइपरटेंशन के 45 फीसद मरीज और 44 फीसद से अधिक डायबिटीज के मरीज हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:08 AM (IST)
डायबिटीज व हाइपरटेंशन के मरीज रहें खास सतर्क, जानें पंजाब में इन्‍हें कोरोना कैसे बना रहे शिकार
काेराना डायबिटीज व हाइपरटेंशन के मरीजों को शिकार बना रहा हे। (सांकेतिक फोटो)

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। CoronaVirus: कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीजों को विशेष सतर्कता बरती चाहिए, अन्‍यथा मुसीबत में फंस जाएंगे। राज्‍य में कोरोना से मारे गए लोगाें में हाइपरटेंशन व डायबिटीज के 89 फीसद से ज्‍यादा मरीज हैं। वैसं, पंजाब में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के नए मामलों की रफ्तार में लगातार तीन दिन से कमी से सरकार राहत महसूस कर रही है, लेकिन कोरोना की वजह से मृत्यु का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। दूसरी लहर में मृत्यु दर दो फीसद के करीब है लेकिन कोरोना की शुरुआत से लेकर अब तक यह दर 2.4 फीसद तक पहुंच गई है।

हाईपरटेंशन व शुगर के मरीज बने कोरोना के आसान शिकार, एक माह से मरीजों के कारणों में भी आया सुधार

मई माह में कोई भी ऐसा दिन नहीं है जब राज्य में 150 से ज्यादा लोगों की मौत न हुई हो। कोरोना से होने वाली मौत के मामलों का अहम पहलू यह है कि हाईपरटेंशन और शुगर के मरीजों को कोरोना होने के बाद सबसे ज्यादा मौतें इन्हीं बीमारियों से ग्रसित मरीजों की हुई हैं।

राज्य में नौ मार्च, 2020 से लेकर 16 मई, 2021 तक 11,895 लोगों की कोरोना की वजह से मृत्यु हो चुकी है। सेहत विभाग के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना से मरने वालों में 45.5 फीसद लोगों को हाइपरटेंशन की बीमारी थी। वे पहले से ही इसकी दवाएं ले रहे थे। 44.3 फीसद मौतें उन लोगों की हुईं जो शुगर के मरीज थे।

कोविड-19 को लेकर पंजाब सरकार की सलाहकार कमेटी के चेयरमैन डा. केके तलवाड़ कहते हैं कि पंजाब में पहले से ही इन दोनों ही बीमारियों का विस्तार हो चुका है। हमारी चिंता भी इसी बात को लेकर ज्यादा थी। इसलिए लोगों से बार-बार यह अपील कर रहे हैं कि वह अपना बचाव करें। मास्क और प्रोटोकाल का ख्याल रखें।

डा. तलवाड़ ने कहा कि समस्या तब और बढ़ जाती है जब शुरूआत में मरीज डाक्टर या अस्पताल नहीं जाता है। राज्य में यह प्रवृति आम ही देखने को मिल रही है। अति गंभीर होने पर जब मरीज अस्पताल जाता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। लोगों को अब भी सचेत हो जाना चाहिए। कोरोना की लहर भले ही थम जाए या धीमी पड़ जाए लेकिन एहतियात बरतनी ही पड़ेगी।

महत्वपूर्ण बात यह है कि 16 अप्रैल के मुकाबले इन बीमारियों की वजह से मृत्यु होने के मामले में गिरावट जरूर दिखाई दे रही है। 16 अप्रैल तक जहां कोरोना से मौत के मामलों में हाईपर टेंशन से पीडि़त मरीज 54.9 फीसद थे, वह अब घट कर 45.5 फीसद रह गए हैं। इसी प्रकार शुगर मरीजों के मामले में भी गिरावट देखने को मिल रही है।

मृत्यु के मामले में क्या रहे कारण

16 अप्रैल 16 मई

शुगर के मरीज- 51 फीसद 54.9 फीसद।

हाइपरटेंशन- 44.3 फीसद 45.5 फीसद।

हृदय रोग - 17.2 फीसद 12.9 फीसद।

किडनी डिजीज- 12.2 फीसद 9.5 फीसद।

फेफड़े व टीबी - 6.8 फीसद 6.6 फीसद।

अन्य कारण- 12.8 फीसद 10.3 फीसद।

हरियाणा की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी