जीरकपुर में नगर परिषद ने सफाई पर लाखों खर्च, फिर भी कॉलोनियों में गंदगी की भरमार
नगर काउंसिल ने जिस ठेकदार को शहर की सफाई का ठेका दिया हुआ है उसने शहर के सभी 31 वार्डों में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए करीब 250 सफाई कर्मचारियों को रखा हुआ है। इसके बावजूद शहरवासी सफाई कर्मचारियों के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज करवाते हैं।
जीरकपुर, जेएनएन। जीरकपुर शहर के ढकोली, बलटाना सफाई कर्मचारी एक-एक सप्ताह तक यहां फैली गंदगी को साफ करने नहीं आ रहे। ढकोली और बलटाना के लोगों ने कहा कि उनके इलाके में सफाईकर्मी नहीं आने के कारण जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। जिनसे पूरा दिन बदबू आती है। नगर काउंसिल ने जिस ठेकदार को शहर की सफाई का ठेका दिया हुआ है, उसने शहर के सभी 31 वार्डों में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए करीब 250 सफाई कर्मचारियों को रखा हुआ है। इसके बावजूद शहरवासी सफाई कर्मचारियों के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज करवाते हैं।
नगर परिषद की करीब 20 लाख रुपये सिर्फ सफाई कर्मियों के वेतन पर ही खर्च किए जा रहे हैं। शहर के 31 वार्डों में सफाई के लिए करीब 250 सफाई कर्मचारी ठेके पर रखे गए हैं। जिसमें हर सफाई कर्मी को करीब 8 हजार रुपये वेतन दिया जाता है। इन सफाई कर्मचारियों के ऊपर सुपरविजन करने और मशीनरी सहित अन्य खर्चों को लगाकर करीब 40 लाख रुपये एक महीने का खर्च है। इस अनुपात से एक दिन का सफाई पर खर्चा करीब एक लाख है। एक लाख की रकम सफाई पर खर्च हो रही हो और जनता को 5 दिन तक सफाई कर्मचारी ही नजर नहीं आए तो ऐसे में सफाई व्यवस्था कैसे सुधरेगी।
वहीं शहर की गुरुनानक कॉलोनी निवासी संदीप कुमार, दशमेश एनक्लेव निवासी राहुल और डीएस एस्टेट की रहने वाली महिलाओं में रजनी, शिक्षा, सुनीता ने कहाकि यहां सैकड़ों मकानों में लोग रहते हैं। वहीं कॉलोनी की सफाई के लिए छह से सात कर्मचारी तैनात किए हुए हैं। लेकिन यह सफाई कर्मी सप्ताह में एक बार ही सफाई करने आते हैं। कॉलोनी वासियों ने बताया कि एक हफ्ते तक गलियों की सफाई नहीं होने के कारण जगह-जगह गंदगी फैली रहती है, इस कारण इलाके में बदबू फैली रहती है। इस मामले को लेकर काउंसिल अधिकारियों को शिकायतें भी दर्ज करवाई गई हैं, लेकिन कोई ध्यान ही नहीं दिया जाता। कॉलोनी निवासियों ने बताया कि सफाई कर्मचारी की नजरअंदाजी का आलम यह है कि कॉलोनी के प्रवेश द्वार पर ही गंदगी फैली रहती है, जिस कारण कॉलोनी में आने-जाने वाले लोगों का स्वागत कचरे की बदबू से होता है। यहां की स्थिति यह है कि यहां से होकर निकलने के लिए लोगों को अपनी नाक कपड़े से ढककर निकलना पड़ता है।
जीरकपुर नगर परिषद के चीफ सेेनेटरी इंस्पेक्टर राजिंदर सिंह ने कहा कि शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी एमसी के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा यहां के नागरिकों की भी है। अब गंदगी फैलाने वालों के चालान भी किए जाएंगे। कॉलोनी में सफाई कर्मचारियों के नहीं जाने का, तो इसके लिए ठेकेदार को निर्देश दिया जाएगा।