विभागों ने तैयार की अपनी डिमांड, वित्त आयोग से 90 हजार करोड़ मांगेगा पंजाब

पंजाब 15वें वित्त आयोग से 90 हजार करोड़ रुपये की मांग करेगा। आयोग के अधिकारी 29 जनवरी को तीन दिनों के लिए पंजाब आ रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 08:13 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jan 2019 09:09 AM (IST)
विभागों ने तैयार की अपनी डिमांड, वित्त आयोग से 90 हजार करोड़ मांगेगा पंजाब
विभागों ने तैयार की अपनी डिमांड, वित्त आयोग से 90 हजार करोड़ मांगेगा पंजाब

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब 15वें वित्त आयोग से 90 हजार करोड़ रुपये की मांग करेगा। आयोग के अधिकारी 29 जनवरी को तीन दिनों के लिए पंजाब आ रहे हैं। इसके चेयरमैन एनके सिंह विभिन्न राज्यों के अधिकारियों से मिल रहे हैं। आयोग अगले पांच साल के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच टैक्स के बंटवारे को लेकर अपनी रिपोर्ट देता है। आयोग कई राज्यों से बात कर चुका है। जनवरी 29 को पंजाब के अधिकारियों से बात होगी जो तीन दिन तक चलेगी।

उधर, आयोग के सामने रखे जाने वाले एजेंडे के लिए सभी विभागों ने अपनी-अपनी मांगें वित्त विभाग को भेज दी हैं। फाइनल ड्राफ्ट मुख्यमंत्री स्तर पर तैयार होना है। पता चला है कि सभी विभागों ने 90 हजार करोड़ रुपये की मांगें रखीं हैं। इनमें सबसे ज्यादा पैसा स्किल डेवलपमेंट के लिए मांगा गया है।

31 हजार करोड़ का कर्ज सबसे बड़ा मामला

पंजाब के लिए सबसे प्रमुख मामला 31 हजार करोड़ के कर्ज का है। फूडग्रेन के बिगड़े हुए अकाउंट को अकाली-भाजपा सरकार ने कर्ज में बदलवाकर अपने सिर ले लिया था और आने वाले 27 सालों में हर महीने 270 करोड़ रुपये के हिसाब से यह किश्त अदा की जानी है। इस राशि को कर्ज में बदलने को लेकर केंद्र व राज्य सरकार में सहमति हो चुकी है, लेकिन कैप्टन सरकार ने इस मामले को प्रधानमंत्री स्तर तक मामला उठाया है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस मामले को लेकर दो बार प्रधानमंत्री से और दो बार केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली से मिल चुके हैं, लेकिन मामला ज्यों का त्यों लटका हुआ है। पंजाब सरकार की पूरी कोशिश है कि यह मामला वित्त आयोग के सामने भी उठाया जाए।

जीएसटी में कमी सबसे बड़ी चिंता

पंजाब का जीएसटी 36 फीसद घटा है। इसे लेकर पंजाब सरकार की चिंता बढ़ रही है। जीएसटी के लागू होने से पहले दावा किया गया था कि जिस राज्य में खपत ज्यादा है उस राज्य को फायदा होगा। आयोग अन्य मांगों के अलावा जीएसटी प्रणाली के केंद्र व राज्यों की वित्तीय स्थिति पर असर का भी आकलन करेगा। पंजाब  सरकार यह तर्क रख सकती है कि जीएसटी के लागू होने से पंजाब को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जीएसटी को नए आयोग के कार्य दायरे में लाए जाने पर उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई।

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