चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल की मांगः शहर में संपूर्ण लॉकडाउन लगाए प्रशासन, नहीं तो सभी दुकानें खोली जाएं

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब की तर्ज पर शहर में भी एक सप्ताह के लिए पांबदियां लगा दी हैं। ऐसे में पाबंदियां और गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानें बंद करने के प्रशासन के इस फैसले पर चंडीगढ़ के व्यापारियों ने नाराजगी जताई है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 10:20 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 10:20 AM (IST)
चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल की मांगः शहर में संपूर्ण लॉकडाउन लगाए प्रशासन, नहीं तो सभी दुकानें खोली जाएं
चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल की मांगः शहर में संपूर्ण लॉकडाउन लगाए प्रशासन, नहीं तो खोली जाएं सभी दुकानें

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब की तर्ज पर शहर में भी एक सप्ताह के लिए पांबदियां लगा दी हैं। ऐसे में पाबंदियां और गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानें बंद करने के प्रशासन के इस फैसले पर चंडीगढ़ के व्यापारियों ने नाराजगी जताई है। 

प्रशासन के इस फैसले पर चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल के संयोजक कैलाश जैन ने प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को पत्र लिखा है। जिसमें जैन ने कहा है कि ऐसे तो पूर्ण लॉकडाउन ही लगा देना चाहिए। इस प्रकार तो सिर्फ 10 से 20 फीसद दुकानें ही बंद होंगी जो कि इन दुकानदारों के साथ सरासर नाइंसाफी है। उन्होंने कहा कि शहर में प्रशासन या तो पूरा लॉकडाउन लगाया जाए या फिर सभी दुकानों को खोलने की परमिशन दी जाए। वहीं, बुधवार को पहले दिन ही पाबंदियों का असर दिखने लगा है।

उन्होंने कहा कि यदि शहर में प्रशासन कंपलीट लॉकडाउन लगाना चाहता है तो इससे दुकानदारों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। ऐसें में शहर के दुकानदारों के लिए राहत पैकेज घोषित किया जाना चाहिए। दुकानदारों का प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली-पानी का बिल, बैंक का ब्याज माफ कर उन्हें राहत दी जाए।

उन्होंने कहा वैश्विक महामारी कोरोना दिन प्रतिदिन तेजी से फैल रही है। चंडीगढ़ मे कोरोना की चेन बड़ी तेजी से बढ़ रही है। ऐसा लगता है कि कोरोना की इस बढ़ती हुई चेन को तोड़ने के लिए कंपलीट लॉकडाउन के अलावा कोई चारा नजर नहीं आ रहा। प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियों के अनुसार सड़कों पर  वाहन यातायात जारी रहेगा,  50 फीसद स्टाफ के साथ दफ्तर खुलेंगे, कमर्शियल एक्टिविटी होती रहेंगी,  शहर की अधिकतर  दुकानें खोलने की इजाजत है। केवल कुछ चुनिंदा गैर जरूरी सामान बेचने की दुकाने बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। जबकि होटल, रेस्टोरेंट, जरूरी सामान में दूध, ब्रेड, वेजिटेबल, फ्रूट, डेयरी प्रोडक्ट, अंडा, मीट, बेकरी, करियाना,  कन्फेक्शनरी,  ग्रोसरी,  मोबाइल रिपेयर, चश्मे आदि की दुकानें खोलने की इजाजत है तो फिर बंद क्या है। इस प्रकार तो केवल 10 से 20 फीसद दुकान ही बंद होंगी। प्रशासक सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ सभी व्यापारी सगठनों के प्रतिनिधियों के साथ भी फैसला लेने से पहले बैठक करें। 

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