Punjab Budget 2020: कर्ज चुकाने को भी कर्ज, पैदा होनेवाले हर बच्चे पर साढ़े 82 हजार का Loan
Punjab Budget 2020 में खुलासा हुआ कि पंजाब कर्ज के दलदल में इस कदर फंसा हुआ है कि उसे इसे चुकाने के लिए भी कर्ज की दरकार है। राज्य में पैदा हो जानेवाले बच्चा कर्जदार हो जाता है।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Punjab Budget 2020 में खुलासा हुआ कि पंजाब किस कदर कर्ज के दलदल में फंसा हुआ है। चार्वाक दर्शन में कहा गया है कि 'यावज्जीवेत सुखं जीवेत, ऋणं कृत्वा घृतं पिबेत' यानि जब तक जीयो सुख से जीयो, कर्ज लेकर घी पीयो। पंजाब की सरकारें इस पर इमल करते हुए कर्ज पर कर्ज लेती जा रही है।
पंजाब में पैदा होने वाले हर बच्चे पर 82,666 रुपये का कर्ज
पंजाब 34 साल बाद आज उस चौराहे पर खड़ा है जहां पैदा होने वाला हरेक बच्चा 82,666 रुपये का कर्जदार हो जाता है। 1986 में पंजाब सरप्लस राज्य था, जबकि 2020-2021 में पंजाब पर 2.48 लाख करोड़ रुपये का कर्ज होगा। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि सरकार को कर्ज की किश्तें चुकाने के लिए भी कर्ज ही लेना पड़ रहा है।
तमाम विपरीत आंकड़ों के बीच वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने दावा किया है कि ब्याज भुगतान की दर में गिरावट आई है। 2019-20 में यह दर 23.82 फीसद थी, जबकि अगले वित्तीय वर्ष में 21.68 करोड़ रुपये हो सकती है। कर्ज के आंकड़ों पर नजर डालें तो सात वर्षों में पंजाब के कर्ज का मर्ज 1.35 लाख करोड़ रुपये बढ़ चुका है। 2019-20 में जहां प्रदेश पर 2.28 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था वहीं, अगले वित्तीय वर्ष में यह बढ़कर 2.48 करोड़ रुपये हो जाएगा। यानी अगले वित्तीय वर्ष में पंजाब के लोगों पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज और बढऩे जा रहा है।
सात वर्षों में प्रदेश पर बढ़ा 1.35 लाख करोड़ रुपये का कर्ज
वित्तमंत्री मनप्रीत बादल भी इस बात पर चिंता व्यक्त करते हैं, लेकिन वह इस बात को लेकर संतुष्ट हैं कि अपने चौथे बजट में उन्होंने इसमें सुधार किया है। वह कहते हैं, 2017-18 में ब्याज का भुगतान 28.93 फीसद के हिसाब से किया जाता था जोकि अगले साल घटकर 26.19 फीसद रह गया। चालू वित्तीय वर्ष में 23.82 फीसद पर आ गया जिसके अगले वित्तीय वर्ष में 21.68 फीसद पर रहने की उम्मीद है। वित्तमंत्री भले ही री-पेमेंट के औसत में कमी आने का दावा कर रहे हों लेकिन हकीकत यह है कि पंजाब में पैदा होने वाला बच्चा 82,666 के कर्ज तले दबा हुआ है।
रुक नहीं रहा बिजली सब्सिडी का बोझ
बिजली सब्सिडी का बोझ थम नहीं रहा है। नए वित्तीय वर्ष में यह बोझ बढ़कर 12,246.94 करोड़ रुपये होने जा रहा है, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में यह 11,904.74 था। अगले वित्तीय वर्ष में किसानों को मिलने वाली फ्री बिजली पर पंजाब सरकार 8,275 करोड़ रुपये का बोझ उठाएगी। इसी प्रकार इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली देने के लिए 2,267 करोड़ रुपये का बोझ उठाएगी। अनुसूचित जाति, स्वतंत्रता सेनानियों और गरीब वर्ग को भी बिजली सब्सिडी जारी रहेगी।
वित्त वर्ष- कर्ज का बोझ- दिया ब्याज
2014-15- 1123,66 - 8960
2015-16 - 128835- 9782
2016-17 - 182526 - 11642
2017-18 - 195152 - 15334
2018-19 - 211917 - 16306
2019-20 - 228906 - 17625
2020-21 - 248236 - 19075
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