डीएवी कॉलेज को हाई कोर्ट से राहत

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में पंजाब यूनिवर्सिटी की सिडिकेट के उस आदेश को रद कर दिया है जिसके तहत पीयू ने डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 को एमबीए कोर्स के लिए टेंपरेरी एफिलिएशन देने से इंकार कर दिया था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 10:32 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 10:32 PM (IST)
डीएवी कॉलेज को हाई कोर्ट से राहत
डीएवी कॉलेज को हाई कोर्ट से राहत

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में पंजाब यूनिवर्सिटी की सिडिकेट के उस आदेश को रद कर दिया है, जिसके तहत पीयू ने डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 को एमबीए कोर्स के लिए टेंपरेरी एफिलिएशन देने से इंकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने आदेश में कहा कि पीयू ने यूजीसी के प्रावधानों का उलंघन कर कॉलेज के इस कोर्स को मान्यता देने से इंकार किया था। लिहाजा हाई कोर्ट ने पीयू को नए सिरे से तय प्रावधान के तहत कोर्स की जांच के लिए नई कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं।

जस्टिस अरुण मोंगा ने यह आदेश डीएवी कॉलेज द्वारा पीयू सिडिकेट द्वारा उनके एमबीए कोर्स की एफिलिएशन की एक्सटेंशन की मांग को अस्वीकार किए जाने के आदेशों के खिलाफ दायर याचिका का निपटारा करते हुए दिए हैं। दोबारा मामले को लेकर हाई कोर्ट आ सकता के कॉलेज

कोर्ट ने पीयू को सख्ती से कहा कि वह यह ध्यान रखे कि जो नई जांच कमेटी गठित की जाए उसमें एक भी सदस्य ऐसा न हो जो पहले की जांच कमेटी में शामिल रहा हो। जब तक कॉलेज के इस कोर्स पर नए सिरे से गौर कर निर्णय नहीं लिया जाता है तब तक डीएवी कॉलेज के एमबीए कोर्स की एफिलिएशन जारी रखे जाने के भी हाई कोर्ट ने आदेश दे दिए हैं। हाई कोर्ट ने इन आदेशों पर दो महीनों में करवाई पूरी किए जाने के निर्देश दिए हैं और डीएवी कॉलेज को कहा है कि पीयू की नई जांच कमेटी के अंतिम निर्णय से उन्हें कोई आपत्ति हो तो वह दोबारा मामले को लेकर हाई कोर्ट आ सकते हैं। यह था मामला:

डीएवी कॉलेज ने 2017 में कॉलेज कैंपस में एमबीए कोर्स शुरू किए जाने का निर्णय लिया और एआइसीटीई से इसके लिए अप्रूवल मांगी। एआइसीटीई ने 30 अप्रैल 2017 में कोर्स को शुरू करने की कॉलेज को इजाजत दे दी और कहा कि वह पीयू से इसके लिए एफिलिएशन ले ले। 27 जुलाई 2017 को पीयू ने कॉलेज को इस कोर्स की अस्थायी एफिलिएशन तो दे दी लेकिन जांच में कुछ आपत्तियां जता दी। 11 जुलाई 2017 को कमेटी ने कोर्स की इजाजत देते हुए 2018 -19 के सत्र में छात्रों को अस्थायी दाखिले की इजाजत दे दी। आठ मई 2018 और फिर 30 अक्टूबर 2018 में एक अन्य कमेटी ने कॉलेज का दो बार दौरा किया और कोर्स में कई खामियां बता दी। इस पर पीयू सिडिकेट ने इस कोर्स को स्थायी एफिलिएशन देने से इंकार कर दिया था।

chat bot
आपका साथी