3842 किलोमीटर का है सफर, लेकिन हौंसला मजबूत

3842 किलोमीटर का लंबा सफर है लेकिन हौंसला मजबूत है। बीती 19 नंवबर को डल झील श्रीनगर से कन्याकुमारी के लिए निकले 30 दिव्यांग साइकिलिस्ट सोमवार को मोहाली पहुंचे। यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 06:35 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 06:35 AM (IST)
3842 किलोमीटर का है सफर, लेकिन हौंसला मजबूत
3842 किलोमीटर का है सफर, लेकिन हौंसला मजबूत

रोहित कुमार, मोहाली

3842 किलोमीटर का लंबा सफर है, लेकिन हौंसला मजबूत है। बीती 19 नंवबर को डल झील, श्रीनगर से कन्याकुमारी के लिए निकले 30 दिव्यांग साइकिलिस्ट सोमवार को मोहाली पहुंचे। यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया।

इनफिनिटी राइड-2020 साइकिलिंग अभियान के तहत ये रैली की जा रही है। जो दिव्यांग साइकिलिस्ट इस रैली में हिस्सा ले रहे हैं उनका कहना है कि ये साइकिल रैली अन्य दिव्यांगों के लिए एक सम्मान है। हौंसला बुलंद होना चाहिए कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। हर तरह के मौसम में साइकिलिस्ट अपने इस अभियान को पूरा करेंगे। साइकिलिस्ट इंदू ने बताया कि ये एक रोमांच भरा अनुभव है। इस सफर में बहुत कुछ नया है।

वहीं सोमवार को लखनौर स्थित सीमा सुरक्षा बल के मुख्यालय में पहुंचने पर साइकिल सवारों का जोरदार स्वागत किया गया। ये साइकिलिस्ट मंगलवार को अपने अगले पड़ाव के लिए निकल जाएंगे। एडीजी, मुख्यालय सुरेंद्र पंवार ने बहादुर दिव्यांग योद्धाओं का स्वागत किया। पंवार ने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक के दिव्यांग साइकिल अभियान में साइकिलिस्टों का दृढ़ संकल्प और भागीदारी प्रशंसा लायक है।

एडीजी सुरेंद्र पंवार ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल में लगभग 298 दिव्यांग हैं। जिनकी अपंगता 40 प्रतिशत से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि इनकी दृढ़ इच्छा ही इन्हें आगे लेकर जा रही है। एडीजी ने आदित्य फाउंडेशन की भी सराहना की। जिसने इस साइकिल अभियान की श्रृंखला को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। साइकिलिस्ट के पहुंचने पर उनका जहां जोरदार स्वागत किया गया। वहीं रास्ते में भी लोगों की ओर से साइकिलिस्ट की हौंसला अफजाही की गई। साइकिलिस्टों ने कहा कि वे अपने कन्याकुमारी के पड़ाव तक जल्द से जल्द पहुंचेंगे।

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